लाहुल के पोलिंग बूथ बर्फ में दफन

By: Mar 31st, 2019 12:02 am

चुनाव आयोग की टीमों के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचना बड़ी चुनौती

केलांग —प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है, जहां न तो राजनीतिक दलों का चुनाव अभियान शुरू हो पाया है और न ही चुनाव आयोग की टीमें सभी पोलिंग बूथ पर पहुंच पाई हैं। चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने के लिए यहां प्रशासन ने एक के बाद एक बैंठकें तो की हैं, लेकिन पोलिंग स्टेशनों का निरीक्षण करना सबसे बड़ी चनौती है। लिहाजा लाहुल-स्पीति प्रदेश का इकलौता ऐसा जिला है, जहां के पोलिंग स्टेशन आठ से दस फुट तक बर्फ में दबे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने इस बात का दावा किया है कि चुनाव से पहले लाहुल-स्पीति में मौजूद 92 पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचने वाली सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने विधानसभा क्षेत्र लाहुल-स्पीति में दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र बनाया है। यहां के 92 पोलिंग बूथों में से 90 फीसदी मतदान केंद्र अभी तक सड़क से जुड़ नहीं पाए हैं। लाहुल घाटी के 95 फीसदी मतदान केंद्रों को जाने वाली संपर्क सड़कें बर्फबारी के कारण बंद हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों में चुनाव आयोग की टीमें हर पोलिंग बूथ का जायजा लेकर मतदाताओं को वोटिंग को लेकर प्रशिक्षण दे रही हैं। प्रशासन का कहना है कि उदयपुर के केलांग से जुड़ने के बाद वहां मौजूद पोलिंग स्टेशन का तो निरीक्षण किया गया है, लेकिन अन्य स्थलों पर पहुंचना अभी मुश्किल है। सड़कों की बहाली का काम चल रहा है। ऐसे में सड़कें बहाल होते ही चुनाव आयोग की टीम हर पोलिंग बूथ पर पहुंच वहां का निरीक्षण करेगी। संपर्क मार्ग बहाल करने का जिम्मा पीडब्ल्यूडी के पास है, लेकिन जब तक घाटी के भीतर केलांग-दारचा, केलांग-तिंदी और केलांग-कोकसर सड़कें बहाल नहीं हो जाती है, तब तक पीडब्ल्यूडी के लिए मार्ग खोलना संभव नहीं।

क्या कहते हैं उपायुक्त

उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी का कहना है कि अधिकारियों के साथ चुनावों को लेकर बैठकें की गई हैं। चुनाव की सभी तैयारियों पर काम चल रहा है। जिन क्षेत्रों की सड़कें बहाल हो रही हैं, वहीं टीम को भेज पोलिंग बूथ का निरीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान समय में 90 फीसदी पोलिंग स्टेशन की सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनकी बहाली का काम युद्ध स्तर पर जारी है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App