विपक्ष में रहकर भी सत्ता के ‘हाथ’ में खिला ‘कमल’
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 58 विधानसभा हलकों में बनाई थी बढ़त, चारों सीटें जीती
शिमला – वर्ष 2014, प्रदेश में थी कांग्रेस की सरकार और भाजपा विपक्ष की भूमिका निभा रही थी। उसी साल मई महीने में लोकसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने विपक्ष में रह कर भी सभी चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। यानी सत्ता के हाथ में कमल खूब खिला। हालांकि उससे पहले जब-जब भी लोकसभा चुनाव हुए तो सत्तासीन पार्टी को कम से कम तीन सीटों पर जीत मिलती रही, लेकिन 2014 में भाजपा ने पुराने रिकार्ड तोड़ पर नई परंपरा शुरू करने में सफलता हासिल की। उस साल उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के नाते चार में से कम से कम तीन संसदीय सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत मिलेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। यानी उस साल विधानसभा चुनाव भी साथ होते तो भाजपा ने 58 सीटों पर जीत दर्ज करनी थी। पिछली बार भाजपा को प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर लीड नहीं मिली थी, जबकि 58 हलकों में पार्टी को बढ़त मिली थी। कांगड़ा संसदीय सीट की बात करें तो यहां की सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली। कांगड़ा से सांसद शांता कुमार को सभी विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली थी। कांग्रेस के चंद्र कुमार को किसी भी विधानसभा क्षेत्र से लीड नहीं मिली। हमीरपुर संसदीय सीट पर सांसद अनुराग सिंह ठाकुर को 17 में से 16 विधानसभा सीटों पर लीड मिली थी, जबकि एक सीट पर कांग्रेस के राजेंद्र राणा को लीड मिली थी। वह भी हरोली विधानसभा क्षेत्र में। मंडी संसदीय क्षेत्र में भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा को 17 में से 12 विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली थी, जबकि पांच विस सीटों पर कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को लीड मिली। इसी तरह से शिमला संसदीय सीट पर भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप को 17 में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली थी, जबकि चार विस सीटों पर कांग्रेस के मोहन लाल बरागटा को लीड मिली थी।
घर वापसी की राह तलाश रहे राजन सुशांत
पिछले करीब सात वर्षों से पार्टी से बाहर रह कर राजनीति करने वाले डा. राजन सुशांत अब भाजपा में वापसी की राह तलाश रहे हैं। पूर्व में वे एक बार भाजपा से सांसद का चुनाव जीते हैं। उसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट नहीं मिला तो बगावत की। जिसके बाद वे पार्टी से बाहर हैं। हाल ही में उन्हें एक संस्था इंडियन डेमोक्रेटिक फाउंडेशन ट्रस्ट ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जो मोदी सरकार का प्रचार करेंगे।
यहां बीजेपी को झटका
पिछली बार के लोकसभा चुनावों में प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में भाजपा को झटका लगा था। किन्नौर, लाहुल-स्पीति और भरमौर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी को लीड नहीं मिली।
9 पूर्व मंत्रियों के गढ़ में भाजपा की सेंधमारी
2014 के लोकसभा चुनावों में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो भाजपा ने 9 मंत्रियों के गढ़ में सेंधमारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा को बढ़त मिली थी। इसी तरह से पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर, अनिल शर्मा, सुधीर शर्मा, धनीराम शांडिल, सुजान सिंह पठानिया, जीएस बाली, प्रकाश चौधरी और स्व. कर्ण सिंह के विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा ने लीड दर्ज की थी।
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