सोनीपत को सशक्त उम्मीदवार की तलाश

By: Mar 28th, 2019 12:02 am

सोनीपत – हरियाणा में रोहतक से अलग होकर वर्ष 1977 में बनी सोनीपत संसदीय सीट पर अब तक हुए ग्यारह लोकसभा चुनावों में तीन बार कांग्रेस और तीन बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है और इस बार भी भाजपा-कांग्रेस के बीच ही कांटे की टक्कर है। इस बार राज्य में राजनीतिक परिदृश्य बदला हुआ है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का जनाधार खिसक चुका है क्योंकि चौटाला परिवार में दो फाड़ होने के बाद बनी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ छह विधायक चले गए तथा इनेलो प्रतिपक्ष का रूतबा खो चुकी है। चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा तथा कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होना तय है। सोनीपत संसदीय सीट का इतिहास रहा है कि हरियाणा में किसी भी पार्टी की सरकार बने उसमें सोनीपत के मतदाताओं का अहम योगदान रहता है। यह सीट कभी एक दल या किसी व्यक्ति विशेष के सुरक्षित नहीं कही जा सकती है। ताऊ देवीलाल 1980 में यहां से सांसद थे और वर्ष 1984 में धर्मपाल मलिक उन्हें हराकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे थे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App