स्वजनों-सुहृदों से संबंध के इच्छुक-भूत

By: Mar 23rd, 2019 12:05 am

बाहर निकलकर उन्होंने देखा तो पाया कि प्लेटें टूटी हुई जमीन पर पड़ी हैं। उन्होंने इसका कारण होम की किसी हरकत को समझा और उस पर बुरी तरह झल्लाई, पर वह निर्दोष था। सिर झुकाए एक कोने में खड़ा था। उसने इतना ही कहा, इसमें मेरा दोष नहीं है। चाची ने दूसरी घटना यह देखी कि टूटे हुए टुकड़े अपने आप इकट्ठे हो रहे हैं…

-गतांक से आगे…

इसी बीच उसे यह अनुभव होता रहा कि कोई प्रेतात्मा उसके साथ संबंध बनाती है और तरह-तरह के संदेश पहुंचाती है। डरते-डरते उसने वे संकेत अपने घर वालों और पड़ोसियों को बताए। पूर्व सूचनाएं जब सही निकलीं तो उनका विश्वास बढ़ता गया और अमुक समस्या का हल प्रेतात्माओं से पूछकर बताने के लिए उसका उपयोग किया जाने लगा। जो परामर्श मिलते उनमें से अधिकांश बहुत ही उपयोगी, महत्त्वपूर्ण और अप्रत्याशित होते थे। सन् 1850 का वर्ष और जुलाई का महीना था। उसकी चाची ने मेज पर भोजन की प्लेटें सजाई हुई थीं। अचानक प्लेटों के आपस में टकराने की आवाज आई। बाहर निकलकर उन्होंने देखा तो पाया कि प्लेटें टूटी हुई जमीन पर पड़ी हैं।   उन्होंने इसका कारण होम की किसी हरकत को समझा और उस पर बुरी तरह झल्लाई, पर वह निर्दोष था। सिर झुकाए एक कोने में खड़ा था। उसने इतना ही कहा, इसमें मेरा दोष नहीं है। चाची ने दूसरी घटना यह देखी कि टूटे हुए टुकड़े अपने आप इकट्ठे हो रहे हैं और जहां-तहां बिखरे न रहकर, एक कोने में जमा हो रहे हैं। यह और भी अधिक आश्चर्यजनक था। समेटने वाला दिखाई कोई नहीं पड़ता। तोड़ने वाला कोई नहीं, फिर प्लेटों में यह हलचल कैसे हो रही है? होम का प्रेतात्माओं से संबंध होने की बात और भी अधिक अच्छी तरह पुष्ट हो गई। जब भूत-प्रेत की बात अधिक फैली तो चाची डर गई और उसने झंझट भरे होम को घर से निकाल दिया। वहां से वह इंग्लैंड चला गया। अपनी शारीरिक रुग्णता की चिकित्सा कराने के सिलसिले में उसका संपर्क डा. काक्स से हुआ। वे अध्यात्मवादी थे, उन्होंने न केवल रुचिपूर्वक इलाज ही किया, वरन लड़के की आत्मिक शक्ति को बढ़ाने में भी सहायता की, ताकि वह परलोक की आत्माओं से अधिक अच्छा संबंध बना सकने में समर्थ हो सके। इस साधना से उसे आश्चर्यजनक सफलता मिली। उसे प्रेतात्माओं का प्रामाणिक संदेशवाहक माना जाने लगा। इस संदर्भ में इंग्लैंड के उच्च कोटि के व्यक्ति उससे अपना समाधान कराने के लिए मिलने आए और संतुष्ट होकर लौटे। इन ख्यातिनाम लोगों में इवनिंग पोस्ट के संपादक विलियम कुलेन ब्रामेट, प्रख्यात उपन्यासकार विलियम थेकर, प्रसिद्ध रसायन विज्ञानी सर कु्रक्स जैसे मूर्धन्य लोगों के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उसकी विलक्षण प्रतिभा के संबंध में पत्र-पत्रिकाओं में कितने ही लेख घटनाक्रम के विवरणों सहित प्रकाशित हुए?

(यह अंश आचार्य श्री राम शर्मा द्वारा रचित किताब ‘भूत कैसे होते हैं, क्या करते हैं’ से लिए गए हैं)


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