होलाष्टक से बढ़ी दलों की चिंता

By: Mar 13th, 2019 12:01 am

देहरादून -लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव में होलाष्टक मुहूर्त के कारण कुछ राजनीतिक दलों का गणित गड़बड़ा गया है। इस बार 14 मार्च से होलाष्टक लगने जा रहा है, जो 21 मार्च तक जारी रहेगा। होलाष्टक लगने के दौरान शुभ कार्यों से परहेज किया जाता है, ऐसे में संभावना यही है कि अधिकतर प्रत्याशी होली के बाद ही नामांकन कराएंगे। पहले चरण के चुनाव को लेकर 18 मार्च को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। इसके बाद ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 25 मार्च तक नामांकन हो सकेंगे। इस बीच 14 मार्च से होलाष्टक लगने के कारण प्रत्याशियों के 18 मार्च के बाद 21 मार्च तक नामांकन कराने की उम्मीद कम ही है। ऐसे में नामांकन के लिए प्रत्याशियों के पास सिर्फ तीन दिन का ही समय शेष बचेगा। 22 और 23 मार्च को नामांकन के बाद 24 मार्च को रविवार होने के कारण नामांकन नहीं हो सकेंगे। इसके बाद नामांकन के लिए सिर्फ 25 का एक ही दिन शेष रहेगा।

बहुत कम समय में करनी होगी तैयारी

राजनीतिक दलों के पास पहले चरण के चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर भी समय बहुत कम बचा है। इस पर 14 मार्च से होलाष्टक लगने से पार्टियां अलग असमंजस में हैं। होलाष्टक में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं करती, तो उनके पास फिर ज्यादा समय ही शेष नहीं बचेगा।

होली से चुनावी रंग

अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड की होली कुछ चुनावी रंग में कुछ ज्यादा ही रंगी नजर आएगी। 18 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने की वजह से उम्मीद है, सभी दलों के प्रत्याशियों की घोषणा समय पर हो जाएगी। लिहाजा, प्रत्याशियों को टिकट की टेंशन न रहेगी और पूरा फोकस घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने पर रहेगा।

क्या है होलाष्टक

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक के आठ दिन को होलाष्टक कहते हैं। बंजारावाला निवासी पंडित सुरेंद्र बहुगुणा बताते हैं कि इन आठ दिनों मे सभी प्रकार के शुभ कार्य पूरी तरह वर्जित रहते हैं। इन आठ दिनों में विवाह, नामकरण, चूड़ाकर्म, विद्या आरंभ, गृहप्रवेश, निर्माण समेत तमाम शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।


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