कम्प्यूटर इंजीनियरिंग उभरता हुआ करियर

By: Mar 27th, 2019 12:12 am

आज अकेले का जमाना नहीं है, दुनिया के साथ जुड़ना ही पड़ता है और दुनिया से जुड़ने का सबसे अच्छा जरिया कम्प्यूटर ही है। इसी वजह से आईटी क्षेत्र का विस्तार बड़ी तेजी से हो रहा है। आईटी प्रोफेशनल डाटा मैनेजमेंट, नेटवर्किंग, इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर हार्डवेयर और डाटाबेस से लेकर सॉफ्टवेयर डिजाइन सभी फील्ड्स में काम करते हैं। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग उन विषयों में से है, जिनमें आज छात्रों का रुझान सबसे ज्यादा है। इसकी एक बड़ी वजह इस क्षेत्र में बहुत अधिक नौकरियों का होना है…

जमाना कम्प्यूटर का है। हर चीज कम्पयूटराइज्ड हो रही है। आज कम्प्यूटर के बढ़ते प्रयोग की वजह से आईटी रोजगार का सबसे बड़ा फील्ड बनकर उभरा है। चाहे कोई डाक्टर हो, वकील हो, उद्योगपति हो, ज्योतिषी, कलाकार या फिर क्लर्क ही क्यों न हो, हर किसी के लिए कम्प्यूटर अहम हो गया है। आज अकेले का जमाना नहीं है, दुनिया के साथ जुड़ना ही पड़ता है और दुनिया से जुड़ने का सबसे अच्छा जरिया कम्प्यूटर ही है। इसी वजह से आईटी क्षेत्र का विस्तार बड़ी तेजी से हो रहा है। आईटी प्रोफेशनल डाटा मैनेजमेंट, नेटवर्किंग, इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर हार्डवेयर और डाटाबेस से लेकर सॉफ्टवेयर डिजाइन सभी फील्ड्स में काम करते हैं। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग उन विषयों में से है, जिनमें आज छात्रों का रुझान सबसे ज्यादा है। इसकी एक बड़ी वजह इस क्षेत्र में बहुत अधिक नौकरियों का होना है। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग दो विषयों पर आधारित है। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और कम्प्यूटर हार्डवेयर।  इंजीनियर इन दोनों के ज्ञान का उपयोग कम्प्यूटर का डिजाइन तैयार करने और उसे विकसित करने में करते हैं। जो इंजीनियर कम्प्यूटर के उपकरण तैयार करते हैं, वे हार्डवेयर इंजीनियर कहलाते हैं और जो कम्प्यूटर को चलाने में विभिन्न प्रोग्राम तैयार करते हैं, वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर कहलाते हैं।

क्या है सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

किसी भी सॉफ्टवेयर के डिवेलपमेंट, आपरेशन और मेंटेनेंस का काम सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के अंतर्गत आता है। इसके अलावा इसमें सॉफ्टवेयर रिक्वायरमेंट, डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग भी शामिल होती है। सॉफ्टवेयर में इतनी चीजें शामिल होने की वजह से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं दिन-व-दिन बढ़ती जा रही हैं।

क्या है सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट

आजकल लोगों की जरूरतें तेजी से बढ़़ती जा रही हैं। इसलिए लोग नए सॉफ्टवेयर की डिमांड करने लगे हैं। उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोसेस के तहत नए सॉफ्टवेयर को डिवेलप किया जाता है। यह पूरी तरह से मार्केट में सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट की डिमांड और मार्केटिंग के टारगेट पर निर्भर करता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग लोगों की जरूरतों को देखते हुए काफी रिसर्च के बाद नए सॉफ्टवेयर को डिवेलप करते हैं। यह जरूरी नहीं कि हर सॉफ्टवेयर लोगों की जरूरतों पर खरा ही उतरता हो। कई बार सॉफ्टवेयर पूरी तरह फेल भी हो जाता है।

रोजगार के विकल्प

आजकल सभी कंपनियां अपनी जरूरतों के हिसाब से स्पेशल सॉफ्टवेयर डिवेलप करवाती हैं। इसलिए हर फील्ड में सॉफ्टवेयर की जरूरत होने से सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की काफी मांग रहती है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर गारमेंट कंपनी,  प्राइवेट कंपनी या एनजीओ के साथ काम कर सकते हैं। कई आर्गेनाइजेशन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अपने किसी स्पेशल सॉफ्टवेयर को विकसित करने का टास्क भी देती हैं। इसके अलावा बतौर फ्रीलांसर भी काम किया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले समय में भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की काफी डिमांड होगी।

वेतनमान

वर्तमान में इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी के हो रहे विकास को देखते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। प्राइवेट सेक्टर में शुरुआत में कंपनियां सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को 15 से 20 हजार प्रतिमाह वेतन देती हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर आरंभ में आसानी से 20 से 25 हजार रुपए तक वेतन पाता है। अपने अनुभव और शैक्षणिक योग्यता से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर 50 से 60 हजार रुपए महीना भी कमा सकता है। एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अपनी कंसल्टेंसी फर्म खोलकर भी अच्छी कमाई कर सकता है।

शैक्षणिक योग्यता

बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की शुरुआत करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री  लेनी होती है। यह बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग कोई भी हो सकती है। इसके अलावा आईटी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशन (बीसीए) और मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशन (एमसीए) जैसे कोर्स भी किए जा सकते हैं।

स्किल्स क्या हों

लॉजिकल दिमाग तथा एकाग्रता के साथ सीखने की ललक इस क्षेत्र में प्रवेश करने की पहली शर्त है। रचनात्मक क्षमता, मैथ्स में एक्सपर्ट, तकनीक और अन्य चीजों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। काम में एकाग्रता होनी चाहिए। तार्किक क्षमता और प्रयोगधर्मी होना भी आवश्यक है। कोई नया प्रोग्राम बनाने की क्षमता और अंतिम निर्णय तक जाने की क्षमता इस क्षेत्र में सफलता की सीढ़ी है।

प्रमुख कोर्स

* बीएससी(ऑनर्ज) इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* एमई इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* एमटेक इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* एमएससी  इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* सर्टिफिकेट कोर्स इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* एडवांस डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

* डिस्टेंस लर्निंग कोर्स इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र

* एनआईटी, हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)

* आईआईटी, मंडी (हिमाचल प्रदेश)

* आईआईटी, दिल्ली

* आईआईटी, मुंबई

* आईआईटी, कानपुर(उत्तरप्रदेश)

* पूर्णिमा कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर(राजस्थान)

* जेबी इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, हैदराबाद

* दिल्ली कालेज ऑफ इंजीनियरिंग

* बंगलूर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,बंगलूर

* बिड़ला इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (राजस्थान)

क्या करते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर

सॉफ्टवेयर इंस्टालेशन की जानकारी, पार्ट्स की रिपेयरिंग, कम्प्यूटर का रखरखाव और कम्प्यूटर के साथ जुड़ी अन्य चीजों की जानकारी जैसे प्रिंटर, सीपीयू और मॉडम आदि की जानकारी होना आवश्यक है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर्ज की प्रोग्रामिंग और डिजाइनिंग करते हैं। कम्प्यूटर में इंस्टाल किए जाने वाले सभी सॉफ्टवेयर्ज को सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही बनाते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हार्डवेयर के बारे में अतिरिक्त जानकारी होती है। पूरी दुनिया में तेजी से बहुराष्ट्रीय कंपनियों का जाल फैल रहा है। पूरी दुनिया में फैली इन इकाइयों के बेहतर संचालन और आंकड़ों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए नए तरह के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है, जिसको सॉफ्टवेयर इंजीनियर पूरा करता है। इसके अतिरिक्त छोटी कंपनियों की भी अपनी स्थानीय जरूरतें होती हैं, उनकी इन विशेष आवश्यकताओं को पूरा करते हुए नई तरह के सॉफ्टवेयर को डिजाइन करना भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर का ही काम है।

विदेशों तक विस्तार

सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की भारत में तो डिमांड है ही, इसके अलावा विदेशी कंपनियां भी इन्हें हाथोंहाथ लेती हैं। भारत की कंपनियां तो अच्छा पैकेज देती ही हैं, लेकिन विदेशी कंपनियों में भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अच्छा वेतन मिलता है।


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