पुराने मुद्दों पर लोकसभा की जंग
चुनाव का ऐलान होते ही कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र में चढ़ने लगा सियासी पारा
धर्मशाला – आदर्श आचार संहिता के साथ ही ठंडे मौसम के बाबजूद कांगड़ा का सियासी पारा चढ़ गया है। लोकसभा चुनावों में इस बार केंद्रीय मुद्दों के साथ साथ कांगड़ा चंबा की जनता से जुड़े बड़े अहम मुद्दों पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। संसदीय क्षेत्र की बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के सिरे न चढ़ पाने को लेकर ही हर ओर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इतना ही नहीं विपक्ष भी राज्य के सत्ताधारी दल को पुराने मुद्दों पर ही घेरने के मूड में है। यही वजह है कि लगातार वही मुद्दे उठ रहे हैं, जो पूर्व के चुनावों में राजनीतिक दलों के बड़े सियासी हथियार रहे हैं। कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, केंद्रीय विवि का निर्माण, चंबा में सीमेंट प्लांट, रेलवे लाइन को ब्राडगेज करना, चामुंडा होली सुरंग का निर्माण, कांगड़ा व चंबा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना, आईटी पार्क का निर्माण करवाने जैसे कई अहम मुद्दे हैं, जिनका काम पूरा नहीं हो पाया है। केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी सत्ताधारी दल धरातल पर उतारने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है। ऐसे में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र की सीट आसान नहीं दिख रही है। बीजेपी में करीब आधा दर्जन से अधिक नेता टिकट की टक्कर में शामिल हैं और यह सब अपनी अपनी दावेदारी को मजबूत बताते हुए किसी भी सूरत में टिकट पाने को जुगाड़ भिड़ा रहे हैं। हालांकि सांसद शांता कुमार ने फिर से ताल ठोंक कर हलचल मचा दी है। उधर कांग्रेस की टिकट में भी दो पूर्व मंत्रियों के अलावा दो विधायकों के बीच टिकट की टक्कर चल रही है। कांग्रेस बिना देरी किए इसी सप्ताह हिमाचल से अपना चेहरा सामने ला सकती है।
टिकट से पहले कयासों का दौर
टिकट की टक्कटर में अब कयासों के दौर भी जोर पकड़ने लगा है। कांग्रेस से टिकट के दावेदार जहां तेल की धार देख रहे हैं, वहीं भाजपा के सांसद शांता कुमार के 85 साल का युवा होने के बयान ने खलबली मचा दी है। शांता के बयान पर भी कई तरह की बहस छिड़ गई है।
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