अग्निशमन दिवस

By: Apr 10th, 2019 12:05 am

1944 में मुंबई बंदरगाह में अकस्मात आग लग जाने के कारण 66 अग्निशमन कर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने व अग्नि से बचाव के उपाय बताने के लिए देशभर में यह दिवस मनाया जाता है। अग्निशमन दिवस अथवा राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल,को मनाया जाता है। 14 अप्रैल, 1944 को मुंबई बंदरगाह में फोर्टस्टीकेन नामक मालवाहक जहाज जिसमें रूई की गांठें, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुए थे, में अकस्मात आग लग गई थी।

उद्देश्य

अग्निशमन दिवस के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने के संबंध में जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अग्नि सुरक्षा सप्ताह का उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकांडों को रोकने एवं अग्नि से बचाव के उपायों के संबंध में शिक्षित करना है। इसके साथ ही सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था, अग्निशामक उपकरणों का प्रयोग, आग की स्थिति में बचाव के उपायए उद्योगों में अग्नि सुरक्षा व सावधानियां, विद्युत अग्नि सुरक्षा व सावधानी, बहुमंजिले भवनों में अग्नि सुरक्षा, विकलांग व्यक्तियों के लिए अग्नि सुरक्षा आदि।

क्यों मनाया जाता है : तेज उठती लपटें और उनके बीच किसी के उजड़ते आशियाने को बचाने की मंशा अग्निशमन कर्मियों में देखने को मिलती है। वे हर दिन आग से खेलने का काम करते हैं। इस खतरनाक काम को अंजाम देते हुए उन्हें अपनी जान की भी फिक्र नहीं होती। फिक्र होती है तो उन्हें सिर्फ  उस जलते मंजर या फिर उसमें धधकती जिंदगी को बचाने की। आग लगने वाली जगहों पर फायरमैन सिर्फ  एक फोन कॉल पर दौड़ पड़ते हैं। दूसरों के हिस्से की तपन को झेलते हुए जनता की रक्षा व सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित इस जांबाज फायरमैन दल के लिए अग्निशमन दिवस महज कौशल प्रदर्शन का मंच नहीं है, वरन ये स्मृति दिवस है, उन 66 अग्निशमन कर्मचारियों की शहादत का, जिन्होंने जनसेवा करते हुए सहर्ष मृत्यु का वरण किया। वह 14 अप्रैल, 1944 का एक धधकता शुक्रवार था, जब विक्टोरिया डाक मुंबई में सेना की विस्फोट सामग्री से भरा पानी का जहाज लपटों के आगोश में समा गया। आग पर काबू पाने के लिए मुंबई फायर सर्विस के एक सैकड़ा अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर भेजे गए। अटूट साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इन जांबाज अग्निशमन कर्मचारियों ने धधकती ज्वाला पर काबू करने का भरसक प्रयत्न किया। आग पर नियंत्रण तो पा लिया गया, लेकिन इस कोशिश में 66 फायरमैन को अपनी जान की आहूति देनी पड़ी। उन्हीं 66 शहीद अग्निशमन कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है।


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