आबकारी विभाग को एक करोड़ का झटका

By: Apr 3rd, 2019 12:20 am

चुनाव आयोग की बिना मंजूरी नहीं बेच सकते ठेके के साथ वाला सब-वैंड

शिमला —प्रदेश सरकार को आबकारी कर में एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। लोकसभा चुनाव के चलते यह नुकसान हुआ है क्योंकि प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।  फिलहाल राज्य  कर एवं आबकारी महकमा शराब ठेकों के साथ बिकने वाले सब-वैंड नहीं बेच सकेगा। क्योंकि इसके लिए पहले चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी है और चुनाव आयोग को अभी तक महकमे ने मामला नहीं भेजा है। शराब के मुख्य यूनिट के साथ एक सब वैंड भी बेचा जाता है, जिसे विभाग उसी ठेकेदार को देता है, जो कि मुख्य यूनिट की खरीद करता है। सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग के आयुक्त ने सभी जिलों के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह अपने स्तर पर सब-वैंड न  बेचें। क्योंकि इसके लिए विभाग के पास चुनाव आयोग की मंजूरी नहीं है, इसलिए यदि जिला में कोई सब-वैंड दे देता है तो वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में ऐसे 400 से ज्यादा सब-वैंड हैं , जो कि मुख्य शराब ठेके के साथ बेचे जाते है। ऐसे प्रत्येक सब-वैंड को आबकारी विभाग तीन  लाख की दर पर बेचता है जिससे उसे एक करोड़ से अधिक की अतिरिक्त कमाई होती है। इस दफा यह कमाई फिलहाल नहीं हो सकेगी, लेकिन चुनाव के बाद विभाग इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है। परंतु तब इसका रेट कम मिलने की संभावना है। आबकारी विभाग की तरफ से पूरे प्रदेश को सब वैंड न बेचे जाने के आदेश जारी हुए हैं। अभी तक आबकारी महकमे ने जो शराब यूनिट बेचे हैं, उससे सरकार को 1070 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। हालांकि इसमें उसका लक्ष्य 1250 करोड़ रुपए का था, जोकि पूरा नहीं हो सका है। इसमें एक कारण सब-वैंड भी हैं, जो कि उसकी अतिरिक्त कमाई का साधन है। यहां उन सब-वैंड को अभी चलाया भी नहीं जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार सब-वैंड को बेचे जाने के लिए भी विभाग, चुनाव आयोग से मंजूरी मांग सकता है परंतु इस मुद्दे पर अभी चर्चा चल रही है। फिलहाल तो विभाग ने आदेश दे दिए हैं जिसके बाद वह शराब ठेकेदार भी थोड़े परेशान हैं, जिन्होंने अपने ठेकों का रिन्यूवल करवाया है। इन ठेकों के साथ जुड़े सब-वैंड अभी उन्हें नहीं मिलेंगे।


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