इस बार भी नहीं सुधरी एचपीयू की हालत

By: Apr 10th, 2019 12:02 am

नेशनल रैंकिंग में टॉप-100 में भी नहीं आ पाया हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

 शिमला —हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को इस बार भी उत्कृष्ट का दर्जा नहीं मिल पाया है, जबकि पिछले वर्ष के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वह नेशनल रैंकिग में टॉप टेन में जगह बनाकर उत्कृष्ट विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाएं। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी एनआईआरफ की रैंकिंग में एचपीयू का नाम 150 से 200 के बीच में ही आया है। हैरानी कर बात है कि एचपीयू इस साल एक भी अंक ज्यादा नहीं ले पाया है। रैंकिंग में जो जगह एचपीयू की पहले थी, वही इस बार भी रही है।  हालांकि एचपीयू की रैंकिंग में पीछे रहने की एक वजह छात्र राजनीति भी मानी जा रही है। एचपीयू पूरे साल भर छात्रों की राजनीति को ही सुलझाने में उलझा रहा, वहीं दूसरी वजह एचपीयू का बजट की कमी से जूझना भी इसका एक कारण माना जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों के खाली पड़े पदों की वजह से भी नेशनल रैंकिंग प्रभावित हुई है। उल्लेखनीय है कि एनआईआरएफ. के तहत तय किए गए पैरामीटर्स के तहत रैंकिंग के लिए देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में स्पर्धा होती है। पैरामीटर्स पांच बिंदुओं पर निर्धारित किए गए हैं। इसमें टीचिंग लर्निंग एंड रिसोर्स, अनुसंधान परामर्श व सहयोगात्मक प्रदर्शन, स्नातक परिणाम, आउटरीच एवं समावेशन और अनुभूति शामिल हैं।  इन बिंदुओं के आधार पर ही रैंकिंग के लिए स्कोरिंग की जाती है। इन पांच बिंदुओं को उप-प्रमुखों में भी विभाजित किया गया है। शिक्षण संस्थानों को अंक इन बिंदुओं और अलग-अलग पैरामीटर के आधार पर दिए जाते हैं। शिक्षण संस्थानों को अंक विभिन्न कारकों के आधार पर  दिए जाते हैं। इसमें स्थायी फैकल्टी पर जोर देने के साथ छात्र अनुपात, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला की सुविधा, पीएचडी और अनुभव प्राप्त फैकल्टी, खेल व अन्य पाठ्येतर सुविधाएं, प्लेसमेंट, संस्थान की विभिन्न गतिविधियां, प्रकाशन, साईटेशन आदि शामिल होते हैं।

रैंकिंग में सुधार करने का किया जाएंगा प्रयास

एचपीयू के कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार का कहना है कि  यह रैंकिंग पिछले वित्त वर्ष की है। उन्होंने कहा कि अगली बार एचपीयू रैंकिंग में अच्छे स्थान पर आएगा। इसके लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ ही सभी खाली पदों को इसी साल भरा जाएगा।

 

 


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