एचआरटीसी को 3.60 लाख जुर्माना
कौशल विकास के तहत रखे गए कंडक्टरों को हटाने पर ट्रिब्यूनल सख्त
शिमला —पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान एचआरटीसी में कौशल विकास के तहत हुई परिचालकों की नियक्ति के बाद उन्हें हटाए जाने पर ट्रिब्यूनल सख्त हो गया है। सोमवार को ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई के दौरान एचआरटीसी प्रबंधन से पूछा कि इन परिचालकों को किन कारणों से हटाया गया। ट्रिब्यूनल ने हिमाचल परिवहन निगम पर अभी तीन लाख 60 हजार का जुर्माना ठोंका है। यह जुर्माना पांच हजार रुपए पर कैपिटा के हिसाब से ठोंका गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2015 से 18 तक एचआरटीसी ने सैकडों परिचालकों के पद कौशल विकास के तहत भर दिए थे, जिन्हें अगस्त 2018 में बाहर कर दिया। उसके बाद सितंबर 2018 में ऐसे 72 परिचालकों ने ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर अगली सुनवाई दो मई को होगी। ट्रिब्यूलन ने एचआरटीसी प्रबंधन को सख्त आदेश दिए हैं कि दो मई की सुनवाई के दौरान जवाब नहीं आया तो यह जुर्माना दो गुना कर दिया जाएगा। उधर, हिमाचल परिवहन निगम कर्मचारी मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्ांकर सिंह ने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का यह फैसला पूर्व कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों और निगम विरोधी कुटिल सोच का परिणाम है,जिसमें बेरोजगार युवाओं का घोर शोषण हुआ इतना ही नहीं पूर्व प्रबंध निदेशक ने तो इस मामले में हाईकोर्ट में झूठा शपथ पत्र देकर न्यायपालिका को भी गुमराह किया है। बहरहाल प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के फैसले से निकाले गए परिचालकों को बड़ी राहत मिली है।
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