किसानों को बावला कहने वालों को जनता सिखाएगी सबक

By: Apr 28th, 2019 12:01 am

सिरसा -हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सिरसा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी अशोक तंवर ने कहा है कि किसानों को बावला कहने वालों को अब सबक सिखाने का वक्त आ गया है। अहंकार एवं अभिमान में चूर ऐसे लोगों को जनता 12 मई को वोट की चोट से पराजित करेगी। श्री तंवर ऐलनाबाद हलके में सभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘वाह रे खट्टर सरकार, अंदर रोवे आढ़ती, बारे रोवे जमींदार। उन्होंने कहा कि सिरसा क्षेत्र कॉटन काऊंटी के रूप में पहचान रखता है। हरियाणा के कुल छह लाख हैक्टेयर में से सिरसा लोकसभा क्षेत्र में करीब 3.15 लाख हैक्टेयर में कपास का उत्पादन होता है। वर्ष 2009 से 2014 तक सांसद रहते यहां पर हौजरी कलस्टर की पहलकदमी की थी। श्री तंवर ने कहा कि सत्ता में आने पर इस इलाके में बड़े कारखाने लगाए जाएंगे। इससे कृषि में सुधार होगा तो नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। उनका मकसद है कि सिरसा क्षेत्र गुरुग्राम एवं फरीदाबाद की तरह तरक्की करें। सड़क एवं रेलों के जरिए विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने डबवाली से हिसार तक फोरलेन करीब 1500 करोड़ रुपए से बनकर तैयार हुआ। पूरे हरियाणा में ऐसा फोरलेन नहीं है। वे फतेहाबाद में रेलवे लाइन भी लाएंगे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बतौर सांसद वे सिरसा के लिए 45 हजार करोड़ के प्राजेक्ट लेकर आए। फतेहाबाद के गोरखपुर में 23,502 करोड़ रुपए से परमाणु बिजली तापघर का निर्माण शुरू करवाया। इस बड़ी परियोजना से 2800 मैगावाट बिजली उत्पादन होना है। यह परियोजना पूरी होने से सिरसा संसदीय क्षेत्र की तस्वीर संवर जाएगी लेकिन केन्द्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम लटकाया हुआ है। कांग्रेस की सरकार आने पर तीव्र गति से इस योजना को पूरा किया जाएगा। उनके अनुसार उन्हें मालूम है कि सिरसा खेती पर आधारित जिला है। ऐसे में यहां पर कृषि पर आधारित प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। सरकार की ही रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के राजकाज में प्रतिदिन 14 मजदूर जबकि 30 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार ही साल 2015 में 12,602 जबकि 2016 में 11370 किसानों ने आत्महत्याएं कीं। इसी तरह से साल 2016 में 5019 मजदूरों ने आत्महत्या की। भाजपा को जुमलों की सरकार की संज्ञा देते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का जुमला फैंका। खेती में 50 फीसदी मुनाफे का जुमला दिया। यह जुमला ही साबित हुआ। खाद-बीज-कीटनाशकों पर इस सरकार ने टैक्स लगा दिया। अब खाद के एक बैग की कीमत 1450 रुपए हो गई है। खेती की लागत बढ़ा दी है, लेकिन दाम नहीं बढ़ाए।


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