कैप्टन अमरेंद्र को कहा शाही फौजी

By: Apr 28th, 2019 12:01 am

नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने बोला मुख्यमंत्री पर हमला; कहा, नहीं किया सैनिकों के लिए कोई काम

चंडीगढ़ –विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर हमला बोलते कहा कि शाही परिवार के ‘शाही फौजी’ ने असली फौजियों के लिए कुछ भी नहीं किया, जबकि यह असली फौज लंबे समय से ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) समेत अपनी अन्य जायज मांगों के बारे में केंद्र और राज्य सरकार से संघर्ष करते आ रहे हैं, परंतु कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इन असली फौजियों-पूर्व फौजियों की कभी भी प्रवाह नहीं की। गुरदासपुर में कैप्टन की ओर से शुरू की गई ‘फिल्मी फौजी’ बनाम ‘असली फौजी’ की चर्चा पर बयान जारी करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अकाली-भाजपा की तरफ से गुरदासपुर में पैराशूट के द्वारा उतारे गए फिल्म स्टार सनी दियोल फिल्मी फौजी हैं, इस में कोई शक नहीं। एक फिल्मी से अकाली-भाजपा गठबंधन वाली मोदी सरकार ने फौजियों पर राजनीति करने के अलावा इन  पांच सालों में कुछ भी नहीं किया। फौजी सैनिक वीरों को समर्पित गुरदासपुर-पठानकोट की सरजमीं के लिए कुछ कर दिखाने की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। यह बात समूचे पंजाबियों के साथ-साथ गुरदासपुरी, पठानकोटी अच्छी तरह से समझते हैं और उन्होंने सनी दियोल को बेरंग मोड़ने का मन बना लिया है। चीमा ने कहा कि मीयां-मिट्ठू बन कर खुद को ‘असली फौजी’ बताने वाले कैप्टन अमरेंद्र सिंह वास्तव में ‘शाही फौजी’ हैं, जो महलों-पहाड़ों पर रहते हैं और हवा में उड़ते हैं। इस शाही फौजी का असली फौजियों के साथ वोट लेने के अलावा कोई सरोकार नहीं।  हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि कैप्टन अमरेंद्र सिंह असली के फौजी होते तो वह फौजियों और पूर्व फौजियों की ओआरओपी समेत सभी मांगों के लिए केंद्र सरकार के साथ लकीर खींच कर लड़ाई लड़ते और दबाव बनाते। चीमा ने कहा कि ओआरओपी की मांग मोदी सरकार दौरान ही पहली बार नहीं उठी यह मांग पिछली यूपीए सरकार के समय भी थी, परंतु कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ‘असली फौजी’ के तौर पर ओआरपीयो का मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सरकार ने लोगों का शोषण ही किया है, जिसका जवाब जनता  इस लोकसभा चुनावों में मतदान के माध्यम से देगी।

 

 


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