कैसे पाएं हिंदी में बेहतर अंक

By: Apr 17th, 2019 12:04 am

अकसर विद्यार्थियों को शिकायत रहती है कि हिंदी में हमारे अंक नहीं आते, चाहे हम कितना भी लिखें, लेकिन ऐसा नहीं है। अंक इसलिए नहीं आते क्योंकि सही तरीके से सही तैयारी नहीं हो पाती। जबकि कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर हम हिंदी में भी बेहतर अंक ला सकते हैं। हिंदी विषय के लिए सबसे पहले वर्णों का सही उच्चारण आना चाहिए क्योंकि जैसा बोलेंगे वैसा ही लिखेंगे।

मात्राओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यदि आपने सही याद भी कर लिया और लिखने में गलती कर दिया तो आपके अंक कटेंगे ही। इसके लिए जब भी आप कुछ याद करें तो शब्द अथवा पंक्ति को सीधे एक साथ न पढ़ कर मात्राओं के साथ पढ़ें।

जब भी आप प्रश्न- उत्तर याद करें तो पहले प्रश्न अवश्य पढ़ें और उसे समझें। यदि आप बिना प्रश्न पढ़े ही उत्तर याद करेंगे तो लिखते समय आपको पता ही नहीं चलेगा कौन सा प्रश्न हैं और इसका कौन सा उत्तर है।

यदि कोई कठिन शब्द है तो उसे लिख कर अवश्य देखें। लिख कर याद करने  पर आप उसे जल्दी नहीं भूलेंगे।

रिक्त स्थान जैसे प्रश्नों को याद करते समय केवल वो शब्द ही नहीं पढ़ना  या याद करना है जो  रिक्त स्थान में भरना  है, बल्कि पूरा वाक्य पढ़े और पूरे वाक्य में से कोई एक शब्द याद करके उसके साथ रिक्त स्थान में भरने वाला शब्द याद करें।  इसी प्रकार विकल्प वाले प्रश्नों को भी पूरे प्रश्न पढ़ कर कोई एक शब्द याद करके उसके साथ उत्तर वाला शब्द याद करें। पर्यायवाची, विलोम, तत्सम,तदभव, विशेषण, जैसे शब्दों को  थोड़े-थोड़े करके याद करें। जैसे पहले पांच पर्यायवाची याद करें,  मन में दोहराएं, उसके बाद फिर पांच याद करें, जब बीस-पच्चीस हो जाएं तो एक बार फिर सारे दोहरा लें। संधि और संधि विच्छेद नियमों के साथ समझें और लिख कर याद करें, इसके लिए शायद समय ज्यादा लगे, लेकिन गल्तियां नहीं होगी। उपसर्ग और प्रत्यय  को याद करने के लिए पूरे शब्द याद न करके केवल उपसर्ग और प्रत्यय याद करें और इनका अर्थ समझें जैसे ‘परा’ उपसर्ग से पराभव, पराजय आदि याद करने के बजाय परा उपसर्ग का क्या अर्थ है यह याद करें। यदि उपसर्ग का अर्थ याद होगा तो शब्द निर्माण में कोई गलती नहीं होगी। निबंध और पत्रों को रटे नहीं, बल्कि विषय वस्तु को समझें। इसके लिए दो-चार निबंधों को कहानियों की तरह पढ़े और समझें। पत्र लिखते समय औपचारिक पत्रों में संबोधन से पहले विषय अलग से जरूर लिखें। अनौपचारिक पत्रों  में संबोधन के बाद अभिवादन भी जरूर लिखें। अपठित गद्यांश को पहले ध्यान से पढ़े फिर पूछे गए सभी प्रश्नों को एक साथ एक-एक करके पढं़े, फिर गद्यांश में प्रश्नों के उत्तर ढूढें। जहां तक हो सके उत्तर अपने शब्दों में लिखने का प्रयास करें।

विशेष ध्यान देने योग्य बातें

अपने पूरे पाठ को ध्यान से पढ़े केवल  प्रश्न उत्तर ही नहीं।  इससे उस पाठ से संबंधित  सभी अभ्यास सरलता से किए जा सकते हैं। प्रश्नपत्र हल करते  समय पहले पूरे प्रश्नपत्र  को ध्यान से पढ़ें और  सबसे पहले वे प्रश्न करें जो आपको अच्छी  तरह आता हो। लेख का भी ध्यान अवश्य रखें, लेख साफ और स्पष्ट  होना चाहिए। किसी भी प्रश्न के सभी उपभागों को क्रमशः एक साथ ही करना चाहिए। यदि कुछ याद नहीं हो रहा हो तो उसे थोड़ा  सा जोर-जोर ऊंची आवाज  में पढ़ना चाहिए, इससे वे जल्दी याद हो जाएगा। प्रश्न पत्र हल करते समय-समय का भी ध्यान अवश्य रखें और कोई भी प्रश्न छोड़ कर न आएं। ऐसा न करें कि निबंध  दस पेज़ का लिख दिया  और फिर समय न बचने  के कारण बाकी प्रश्न छोड़ दिए। बोर्ड की परीक्षा में पत्रों के नीचे अपना नाम न लिखें, न ही अपने विद्यालय का नाम लिखना चाहिए।

अर्चना सिंह, हिंदी शिक्षिका हीरानगर, हमीरपुर 

 


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