खेतों से जंगली जानवर  भगाएगी चैनलिंग तार 

By: Apr 3rd, 2019 12:20 am

शिमला —हिमाचल प्रदेश के किसानों व बागबानों के लिए अच्छी खबर है। सरकार व कृषि विभाग अब किसानों की फसलों को बचाने के लिए मजबूत वायर यानी  चैनलिंग तार की सुविधा प्रदान करेगा।  बताया जा रहा है कि चैनलिंग तार दूसरी सामान्य व कांटे वाली तार से बिलकुल अलग है। चैनलिंग तार मजबूत होगी, वहीं इसके नीचे स्पेस भी छोड़ा जाएगा। इसके साथ आसपास घास भी उगाया जा सकता है। कृषि विभाग ने किसानों की मांग पर चैनलिंग तार किसानों को देने का फैसला लिया है। खेतों में आने वाले जंगली जानवरों को इतनी जोर से झटका लगेगा कि वह दूसरी बार आने आने से डरेंगे। इससे पहले किसानों की ओर से शिकायतें रही है कि दूसरी करंट तारों को जंगली जानवर आसानी से तोड़ कर चले जाते हैं। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत अब किसान अपनी पसंद की कंपनी से सोलर फेसिंग चैनलिंग तार लगवा पाएंगे। इसके लिए सरकार ने 32 कंपनियों को मान्यता प्रदान की है। अगर किसानों को एक कंपनी का प्रोजैक्ट पसंद नहीं आता है, तो वह दूसरी कंपनी से सोलर फैसिंग लगवा सकते हैं। बता दें कि अगर किसान सोलर प्लांट प्रोजेक्ट को सामूहिक रूप से लगवाते है तो इन्हें 85 फीसदी तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा,जबकि एकल किसान को इस योजना के तहत सोलर फेसिंग लगाने के लिए 80 प्रतिशत की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।  किसान चैनलिंग फेंसिग लगवाने के लिए अपनी जिला कृषि खंड में जाकर आवेदन कर सकते है। उल्लेखनीय है कि पूर्व सरकार ने जब किसानों के फायदा पहुंचाने के लिए इस योजना को शुरू किया है, तो इस पर किसानों को 60ः40 के अनुपात अनुदान किसानों को दिया जाता था। इससे किसानों पर इसका अधिक खर्च पड़ता था। वहीं पुरानी सोलर फैंसिंग से किसान जंगली जानवरों की आवाजाही को भी ठीक से नहीं रोक पाते थे। इससे प्रदेश के किसानों ने इस योजना का फायदा लेने के लिए बहुत कम रुचि दिखाई है। अब जब कृषि विभाग ने सोलर फैंसिंग करने के लिए किसानों की मांग पर चैनलिंग तार को लगाने का फैसला लिया है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि इससे किसानों को बहुत फायदा पहुंचेगा।

किसानों का तर्क

किसानों का तर्क है कि सोलर प्लांट योजना उत्पाती जानवरों के लिए उचित नहीं है। इससे लगने वाली तार को जंगली जानवर एक ही झटके में तोड़ देते हैं। यहीं नहीं  पुरानी सोलर फैसिंग घास को टच करती है, तो इससे लगा करंट काम नहीं करता है। इससे बरसाती दिनों में इसका रखरखाव मुश्किल हो जाता है। किसानों के इन्हीं सुझाव के बाद कृषि विभाग ने सोलर फैसिंग प्रोजेक्ट के नियमों में बदलाव किया है।

1500 किसानों ने किया आवेदन

लगभग नौ लाख किसानों में से दो साल में अभी तक सोलर फेसिंग योजना के लिए 1500 किसानों ने ही आवेदन किया है। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों को सोलर फैसिंग लगाने के लिए बजट भी मुहैया करवा दिया गया है। सोलन, कागंड़ा, सिरमौर, शिमला जिला से ज्यादा किसानों ने इस योजना का फायदा लिया है।


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