जाति प्रथा खत्म करने को किया लंबा संघर्ष

By: Apr 19th, 2019 12:02 am

कांग्रेस की प्रखर दलित महिला नेताओं में शुमार थीं गंगा देवी, यूपी से लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचीं संसद गंगा देवी कांग्रेस पार्टी की प्रखर दलित महिला नेताओं में शुमार थीं। सांसद के तौर पर गंगा देवी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी समिति की सदस्य भी रहीं। अपनी संसदीय पारी में वह खास तौर पर बच्चों की शिक्षा, दलित पिछड़ों के कल्याण के कार्यक्रमों से जुड़ी रहीं। उन्होंने बाल विवाह रोकने और जाति प्रथा खत्म करने को लेकर लंबे समय तक काम किया। गंगा देवी उत्तर प्रदेश से लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में पहुंचीं। उन्होंने पहला चुनाव 1952 में कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ-बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र से जीता था। दूसरा चुनाव उन्नाव, तीसरे, चौथे और पांचवें लोकसभा का चुनाव उन्होंने लखनऊ के पास स्थित मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र से जीता।

1977 का चुनाव हारीं

अपने पहले, दूसरे और तीसरे चुनाव में उन्होंने भारतीय जन संघ के उम्मीदवार को हराया था, पर 1977 में छठा चुनाव हार गईं। यह उनके जीवन का आखिरी चुनाव रहा। गंगा देवी की ग्रामीण भारत में उद्योग धंधों के विकास में खास रूचि थी। गंगा देवी पहली लोकसभा में सांसद के तौर पर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के कल्याण की समितियों में रहीं। वे टी एंड कॉफी बोर्ड व सेंट्रल सोशल वेलफेयर बोर्ड में भी रहीं।

सांसद बनने से पहले रहीं कर्मचारी यूनियन की नेता

सांसद बनने से पहले वह मेरठ में 1950-53 के बीच कर्मचारी यूनियन की नेता रहीं। वह राष्ट्रीय सेवा संगठन में संगठक की भूमिका में रहीं। उन्होंने ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेज लीग की स्थापना की। वह पोस्ट एंड टेलीग्राफ इंप्लाइज यूनियन की अध्यक्ष भी रहीं। गंगा देवी का जन्म 1916 में देहरादून में हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई देहरादून में ही हुई। उच्च शिक्षा उन्होंने डीएवी कालेज देहरादून और काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में ग्रहण की। सन् 1941 में उनका विवाह जयपाल सिंह के साथ हुआ। गंगा देवी अपने जीवन के आखिरी दिनों में लखनऊ में रहती थीं। उनकी बागवानी, पुस्तकें पढ़ने और सैर सपाटा में रूचि थी।


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