प्रभु के पर्व पर खून से सने श्रीलंकाई चर्च आठ आत्मघाती धमाकों में 207 की मौत

By: Apr 22nd, 2019 12:15 am

मरने वालों में तीन भारतीयों समेत 35 विदेशी; 500 से ज्यादा लोग जख्मी, पुलिस ने सात संदिग्ध किए गिरफ्तार, पूरे श्रीलंका में लगा कर्फ्यू

कोलंबो –श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर तीन चर्चों और चार होटलों समेत आठ जगहों पर हुए सिलसिलेवार आत्मघाती बम धमाकों में 35 विदेशियों समेत 207 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन भारतीय भी शामिल हैं। इसके अलावा 500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।  शुरुआती छह धमाके लगभग एक ही समय पर सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर हुए। बाकी दो धमाके दोपहर में दो से अढ़ाई बजे के बीच कोलंबो में हुए। पुलिस ने सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। 2009 में श्रीलंका में तमिल विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खात्मे के बाद यह सबसे बड़ा हमला है। श्रीलंका सरकार ने सोशल मीडिया पर अस्थायी प्रतिबंध के साथ देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके अलावा सभी सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है। वहीं, फिलहाल स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद रखा जाएगा। रविवार को दुनिया भर के देशों की तरह श्रीलंका के चर्चों में भी ईस्टर के मौके पर ईसाई समुदाय के लोग प्रभु ईसा मसीह की याद में जुटे थे। ईस्टर संडे को ईसा मसीह पुनर्जीवित हुए थे, लेकिन आतंकियों ने इसी पवित्र दिन को खूनी खेल खेलने के लिए चुना। पहला धमाका कोलंबो के कोच्चिकड़े स्थित सेंट एंथनी चर्च में हुआ। इसके बाद नेगोंबो के कतुवपितिया स्थित सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोआ स्थित चर्च में धमाके हुए। इनके अलावा कोलंबो में शांगरी ला होटल, किंग्सबरी होटल और सिनमन ग्रैंड होटल में भी ब्लास्ट हुए। इन धमाकों के बाद द्वीपीय देश में अफरातफरी मच गई। यीशु की दिव्यात्मा को याद करते लोग अपनों के चिथड़े उड़ते देख बदहवास हो गए। हर कोई अवाक था, शांति का संदेश देने वाले चर्चों में लाशों का ढेर लग गया। महज छह घंटों में आतंकियों ने 200 से ज्यादा लोगों को बम धमाकों से मौत के घाट उतार दिया। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने हालात की जानकारी लेने के लिए तुरंत कैबिनेट मीटिंग बुलाई। श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया कि ऐसा लगता है कि हत्या, अफरातफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बेहद व्यस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है। सोशल मीडिया पर अस्थायी प्रतिबंध के साथ देशभर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस घटना की कड़ी निंदा की। मोदी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं है। भारत श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों के साथ संवेदना जताई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके बताया कि हालात पर नजर रखी जा रही है। कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायुक्त के साथ लगातार संपर्क में किया जा रहा है।

10 दिन पहले मिला था हमले का इनपुट

कोलंबो। श्री लंकाई इंटेलिजेंस के पास 10 दिन पहले यह इनपुट था कि देश के प्रमुख चर्चों के साथ-साथ भारतीय हाई कमीशन का ऑफिस भी कट्टरपंथी के निशाने पर है। वहां के सीनियर अधिकारियों को यह चेतावनी पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंद्रा ने 11 अप्रैल को दी थी। अपनी तरफ से भेजे गए अलर्ट में जयसुंद्रा ने लिखा था कि विदेशी खुफिया विभाग ने जानकारी दी है कि एनटीजी (नेशनल तोहिथ जमात) नाम का संगठन सुसाइड हमलों की तैयारी कर रहा है। संगठन के निशाने पर मुख्य चर्चों के साथ-साथ कोलंबों में स्थित भारतीय हाई कमीशन का ऑफिस भी है।

मुस्लिम संगठन पर शक की सुई

कोलंबो। श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों में शक की सूई एक मुस्लिम संगठन की ओर घूम गई है। इंटेलिजेंस अलर्ट में नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की फिराक में बताया गया है। इस एनटीजे का नाम श्रीलंका के धमाके में उछला है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन बताया जा रहा है। पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था, जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था। हालांकि फिलहाल इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी ग्रुप ने नहीं ली है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


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