मिस हिमाचल के ताज तक नितिका

By: Apr 24th, 2019 12:07 am

शिमला की रहने वाली नितिका ने ‘दिव्य हिमाचल’ 2019 के मिस हिमाचल खिताब का जीतकर मॉडलिंग जगत में उंचाईयां छुने के लिए पहला कदम बढ़ाया है। बचपन में देखे सपने की और कामयाबी के कदम से नितिका का हौसला बुलंद हो गया है। पहली बार मॉडलिंग स्पर्धा में भाग लेने के बाद ही नितिका ने ‘मिस हिमाचल’ का खिताब अपने नाम कर लिया। नितिका अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपने ममी, पापा को देती हैं। स्कूल, कालेज में बात करने से भी डरने वाली शिमला की नितिका की पहचान इतनी हो जाएगी, यह उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। उनका कहना है कि उनका स्वभाव शर्मिला है। कालेज में दूसरे छात्रों और शिक्षकों से बात करने में भी उन्हें बहुत डर लगता था। दिल में कुछ कर गुजरने का दृढ़ संकल्प था, जिसे वह पूरा करना चाहती थीं। मिस हिमाचल बनी नितिका का कहना है कि उनके सपने को पूरा करने में उनकी मां ने उनका हौसला बढ़ाया है। पिता चाहते थे कि वह पहले पढ़ाई पूरी करे, लेकिन मां ने उन्हें कभी भी उनके सपनों में कोई बाधा नहीं आने दी। नितिका यह भी कहती हैं कि उन्हें बचपन से उलझन रहती थी, कि वह पहले अपने सपने को पूरा करे, या फिर पढ़ाई। बता दें कि नितिका पंजाब में कई ऐड फिल्में भी कर चुकी हैं। मिस हिमाचल नितिका केरल में योगा की भी विशेष ट्रेनिंग में हिस्सा ले चुकी हैं। उनका कहना है कि बचपन से ही उनको सामाजिक कार्यों में रुचि रही है। वह हमेशा आश्रमों में जाकर अनाथ बच्चों के साथ समय व्यतीत करती हैं। वहीं, अनाथ बच्चों की आर्थिक रूप से पूरी सहायता करती हैं। शिमला की नितिका शर्मा ‘मिस हिमाचल’ के मंच से सुपर मॉडल तक का सफर तय करना चाहती है। निकिता मॉडलिंग के साथ फिल्म जगत में करियर देख रही है। अपने सपनों को साकार करने के लिए नितिका मिस हिमाचल-2019 का ताज जीतकर इस फील्ड में ऊंची उड़ान भरना चाहती हैं, जिसके लिए वह इन दिनों जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। निकिता शर्मा मूल रूप से सिरमौर से ताल्लुक रखती है, लेकिन निकिता का जन्म व पढ़ाई शिमला में ही हुई है। निकिता के पिता आरआर शर्मा सेक्शन आफिसर हैं। माता सत्या शर्मा जेबीटी टीचर हैं। निकिता का एक छोटा भाई (विक्रम शर्मा) है जो बीएससी कर रहा है। निकिता ने दस जमा दो तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जाखू से प्राप्त की है। इसके बाद आगामी शिक्षा सेंट बीड्स कालेज शिमला से पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद नितिका ने अपनी एक मित्र के साथ आर्ट एंड क्राफ्ट का बिजनेस शुरू किया। अब वह प्रोफेशनल योगा टीचर हैं। निकिता शर्मा का कहना है कि उन्हें मॉडलिंग व एक्टिंग का बचपन से ही शौक था, जो उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता गया। नितिका का कहना है कि वह सुपर मॉडल बनना चाहती हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया गु्रप द्वारा युवतियों के लिए आयोजित इस मुकाबले को वह सराहनीय पहल मानती हैं। उनका कहना है कि हिमाचल में प्रतिभा की कमी नहीं है, मगर मंच की कमी के चलते इस फील्ड में रुचि रखने वाली युवतियों का शौक और उनके सपने पूरे नहीं हो पाते हैं, लेकिन ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया ग्रु्रप प्रदेश की युवतियों के लिए ऐसा मंच प्रदान कर रहा है, जहां से वह उड़ान भर कर अपने सपने व हसरत पूरी कर रही है।

मुलाकात : हिमाचल की बेटियां किसी से कम नहीं…

आपके लिए किसी के व्यक्तित्व का सौंदर्य क्या है ?

मुझे लगता है कि किसी भी व्यक्ति के सौंदर्य का पता उसकी पर्सनेलिटी और स्वभाव से पता चलता है। कोई भी व्यक्ति समाज में हर वर्ग के लोगों के साथ किस तरह से पेश आता है। सामाजिक कार्यों से कितना जुड़े होते हैं। दूसरों के दूख तकलीफों को वह कैसे लेते हैं, यह सब उनके स्वभाव से ही पता चलता है। वहीं स्वभाव से यह आंकलन किया जा सकता है कि व्यक्ति का सौंदर्य कैसा है।

अगर दर्पण ही न होगा?

अगर दर्पण ही न होगा तो अपनी कामयाबी का आनंद कैसे उठा पाएंगे। अपनी कामयाबी के बाद अपने मनोबल को बढ़ाने के लिए दर्पण की आवश्यकता रहती है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि मॉडलिंग के प्रोफेशन में दर्पण का होना बेहद जरूरी होता है।

मिस हिमाचल की ग्रूमिंग से जो परिवर्तन आया?

मिस हिमाचल का खिताफ जीतने के बाद बहुत कुछ सीखा है। मिस हिमाचल बनने के बाद मुझे खुद पर विश्वास करना आया है। वहीं खुद को हर कार्यक्रम और क्षेत्र में बेहतर करना भी मुझे मिस हिमाचल की ग्रुमिंग के बाद ही आया है। मिस हिमाचल का प्लेटफॉर्म युवाओं के लिए उनके सपनों तक पहुंचाने का एक  रास्ता है। मिस हिमाचल से ग्रूमिंग लेने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मैं  अपने सपनों के बहुत करीब हूं।

जीवन के किस रंग को पकड़ना चाहती हैं?

मैं जीवन में एक रंग नहीं बल्कि सभी रंगों को पकड़ना चाहती हूं। रेनेबो के सात रंगों की तरह मैं भी हर क्षेत्र में खुद को बेहतर साबित करना चाहती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि जिंदगी में हमें कभी भी एक ही क्षेत्र में नहीं रहना चाहिए, जहां भी अच्छा अवसर करियर बनाने लिए मिले, हमें वहां अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाना चाहिए।

अपने इर्द – गिर्द के माहौल से जो सीखा या जो केवल शिमला में पलते हुए पाया?

मैं बचपन से ही शिमला में रही हूं। शिमला के ठंडे व सुहाने मौसम के साथ यहां पर बेहतर शिक्षा और समाज के अलग – अलग लोगों से मिलने का मौका मिला। शिमला में कई प्रतिस्पर्धाओं में भी मुझे आगे बढ़ने का अवसर मिला। मैं मानती हूं कि  आज जहां भी खड़ी हूं शिमला के माहौल से ही हूं।

खुद पर कितना भरोसा- कितना फख्र। मिस हिमाचल बनने में आपके लिए तीन कौन से कारण रहे?

मुझे खुद पर बहुत फख्र और भरोसा है कि मैं अपने देश व प्रदेश का नाम रोशन करूंगी। अभी तो मैंने शुरुआत ही की है, मुझे कामयाबी के कई मुकाम अभी हासिल करने हैं। रही बात मिस हिमाचल बनने के लिए तीन कारण तो वे मेरा जज्बा, कड़ी मेहनत और सही सोच है।

योग प्रशिक्षण से जो पाया या जो अनुभूति हुई, उसे किस तरह बयान करेंगी?

मैं ऐसा मानती हूं कि योग का प्रशिक्षण करने के बाद मेरी लाइफ पूरी तरह से बदल गई है। योग करने के बाद मुझे अपने काम पर फोकस करना, खान-पान का विशेष ध्यान रखना, शांति से हर कार्य को करना जैसे कई परिवर्तन मेरी लाइफ में आए हैं। इसके अलावा योग करने के बाद मुझे अपनी लाइफ में समय के साथ चलने की भी अच्छी सीख मिली है।

हिमाचली बेटियों में प्रमुख तीन गुण। उन्हें आपकी राय?

मुझे लगता है कि हिमाचल की बेटियां किसी से कम नहीं बस उनमें थोडे़ आत्मविश्वास की कमी है। हिमाचल में बेटियां नम्र स्वभाव की हैं। वहीं उनमें दूसरों की सहायता करने की भावना हमेशा रहती है। मेरी उनको यही राय है कि बेटियों को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए। देश-विदेशों में क्या हो रहा है, उसके बारे में हमेशा अपडेट रहना चाहिए। इसके साथ ही साहित्य और कहानियों में भी अपनी रुचि दिखानी चाहिए।

किसी भी प्रतिस्पर्धा में नारी का औचित्य उसकी क्षमता है या संवेदना?

नारी आज किसी भी प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहती है। महिलाएं पहले से ही सबसे स्ट्रांग रहती हैं। किसी भी प्रतिस्पर्धा में भाग लेने से महिलाएं जितना हाथ फैलाएंगी, कामयाबी उतना ही उनके कदमों को चुमती है।

सपने अगर हसीन न हों तो उन्हें अपने यथार्थ में किस तरह पेश करेंगी?

मेरा मानना तो यह है कि अपने सपने को अगर हसीन की तरह न लें, तो वे पूरे नहीं होते। यही वजह है कि सपना आप भले जिस भी रूप में देखें, उसे पूरा करने के लिए अपने सपनों को पूरा सेलिब्रेट करें।

हिमाचल में कोई एक बड़ा बदलाव करना हो?

हिमाचल में नशे में संलिप्त होते जा रहे युवाओं को इस लत से छुड़वाने का बदलाव होना चाहिए। वहीं छोटी उम्र से ही जो बच्चे ड्रग के नशे की तरह स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें भी इस गिरफ्त से निकालने की जरूरत है।

हिमाचली युवाओं को आप अपनी उपलब्धि से कोई सलाह देना चाहेंगी?

युवाओं को मेरी सलाह है कि जिंदगी में किसी भी फील्ड में अगर आगे बढ़ने का मौका मिले, तो उसे कभी गवाएं न, और अपने टैंलेट को पहचानें। एक मौका आपकी लाइफ में पूरी तरह से परिवर्तन कर सकता है।

बतौर हिमाचली आपको क्या – क्या पसंद है।

मुझे गर्व है कि मैं हिमाचल से हूं। हिमाचल की संस्कृति और वहां के खान-पान को मैं खुद बहुत पसंद करती हूं। खास यह है कि हिमाचल के हर दस किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद जिस तरह से प्रदेश की संस्कृति में बदलाव होता है, उसे देखने और महसूस करने में मुझे बहुत आनंद आता है।

जीवन में आपके रोल मॉडल। लेखक, नेता,  फिल्म कलाकार,  गायक, चित्रकार या कोई हस्ती जिस पर आप फिदा हों।

मेरे रोल मॉडल एचपीयू के अंग्रेजी विषय की प्रोफेसर मीता विश्वास, मेरी बेस्ट फ्रेंड महिमा दत्त हैं। सिलिविया प्लाट मेरे पसंदीदा लेखक, महात्मा गांधी नेता , प्रियंका चौपड़ा फिल्म कलाकार, गायक प्रतीक खुहाद, चित्रकार बैन गाक पसंदीदा हैं।

— प्रतिमा चौहान, शिमला


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