मोहाली में सात दिवसीय शिव कथा का समापन
मोहाली। श्री हनुमान मंदिर कमेटी, फेज-छह मोहाली द्वारा मार्केट ग्राउंड, फेज-छह मोहाली में सात दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया, जिसके अंतिम दिवस दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने शिव-विवाह का अध्यात्मिक अर्थ बताया कि शिव-विवाह जीवात्मा का परमात्मा से, कामनाओं का भावनाओं से, नदियों की सागर से मिलन की गाथा का नाम है। भगवान शिव ने यदि शृंगार किया, तो जग को सत्य से जोड़ने के लिए, विवाह किया, तो वह भी जग के कल्याण के लिए। भगवान शिव के रूद्र रूप को देखकर सभी हिमाचलवासी भयभीत हो जाते हैं। महारानी मैना तो स्पष्ट शब्दों में कह देती हैं कि मैं अपनी पुत्री उमा का विवाह रूद्र रूपधारी से कदापि नहीं करूंगी। तब नारद मुनि जी सभी को सत्संग उपदेश प्रदान करते है। वास्तविकता से परिचित होते ही सभी प्रसन्न होकर भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की तैयारियों में लग जाते हैं। सत्संग का भाव भी यही है, जहां सत्य का, ब्रह्म का साक्षात्कार हो। अंतिम दिवस कार्यक्रम का समापन प्रभु की पावन आरती द्वारा किया गया। प्रभु की पावन आरती में कमेटी के सभी सदस्यों एवं संगत ने भाग लेकर प्रभु का आर्शीवाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में सभी भक्तजनों में भंडारे का वितरण किया गया।
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