यूटी साहित्य अकादमी ने नवाजे लेखक
चंडीगढ़ में वार्षिक समारोह में नेशनल साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष ने किए सम्मानित
चंडीगढ़ -चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के वार्षिक समारोह में लेखकों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर नेशनल साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और जाने-माने लेखक प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि मुझे लेखकों को सम्मानित करते हुए बहुत ही खुशी हो रही है। सेक्टर-16 स्थित पंजाब कला भवन में हुए समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित प्रो. तिवारी ने कहा कि वह पुरस्कार के लिए सम्मान शब्द का प्रयोग करते हैं, क्योंकि पुरस्कार के तौर पर मिली चीज तो आप किसी को दे भी सकते हैं, लेकिन सम्मान आपके साथ जीवन भर चिपका रहता है। उन्होंने कहा कि इस सम्मान को हासिल करने के लिए लेखकों ने जो श्रम किया है, उसका वर्णन वह खुद ही कर सकते हैं। एक लेखक दिन-रात अपने दिमाग में लेखन की सामग्री इकट्ठा करता रहता है। प्रो. तिवारी ने कहा कि कोई भी भाषा छोटी बड़ी नहीं होती है, क्योंकि अपने परिवेश की जरूरत को हर भाषा पूरा करती है। इस मौके पर चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के चेयरमैन माधव कौशिक, वाइस चेयरमैन प्रो. गुलजार सिंह संधू और सचिव जसपाल सिंह भी मौजूद थे। समारोह में पांच साहित्यकारों को साहित्य की सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मान के तहत साहित्यकारों को 51,000 रुपए की राशि के अलावा स्मृति चिन्ह और शॉल दी गई। इनमें डा. ओमप्रकाश वशिष्ठ (पंजाबी भाषा के लिए), प्रो. तेजवंत सिंह गिल (अंग्रेजी भाषा के लिए), प्रो. वीरेंदर कुमार अलंकार (संस्कृत भाषा के लिए), डा. प्रसून प्रसाद (हिंदी भाषा के लिए), डा. चमन आहुजा (उर्दू भाषा के लिए) शामिल थे। इनके साथ ही समारोह में वर्ष 2018 के लिए हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी भाषाओं में बेस्ट प्रिंटेड बुक्स के 11 लेखकों को भी सम्मानित किया गया और इन तीन भाषाओं में चुनी गई सर्वश्रेष्ठ किताबों के लेखकों को 25-25 हजार रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए। समारोह में चंडीगढ़ साहित्य अकादमी की ग्रांट-इन-एड योजना के तहत 15 लेखकों को किताब के प्रकाशन के लिए 15-15 हजार रुपए के चेक भी दिए गए।
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