राहुल को कारण बताओ नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका खारिज करने की मांग ठुकराई, अगली सुनवाई 30 को
नई दिल्ली – राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर खेद तो जताया था, लेकिन यह मामला अभी यहीं रफा-दफा होता नहीं दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दाखिल अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कांग्रेस की तरफ से इस मामले को खत्म करने की अपील को दरकिनार करते हुए शीर्ष अदालत ने राहुल को नोटिस भेज दिया है। कोर्ट राफेल पर रिव्यू याचिका और लेखी की अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई अब 30 अप्रैल को करेगा। पूर्व अटार्नी जनरल और मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आपराधिक मानहानि के मामले में नोटिस जारी किए जाने के बाद राहुल को स्वयं अदालत में उपस्थित होना होगा। रोहतगी ने कहा कि राहुल को कोर्ट में पेश होकर स्वयं यह बताना होगा कि उन्होंने गलतबयानी किस संदर्भ में की और इसकी क्या वजह थी। मामले की सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने माना है कि उनका बयान गलत था। राहुल ने कहा है कि उन्होंने कोर्ट के आदेश को नहीं देखा था और बयान जोश में दे दिया था। राहुल ने इस बयान के लिए जो खेद जताया है वह भी एक लाइन में ब्रैकेट में लिखा गया है। जो लिप सर्विस (दिखावटी) है। जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि चौकीदार कौन है, तब मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल ने अमेठी से लेकर वायनाड तक में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चौकीदार चोर है और चौकीदार नरेंद्र मोदी हैं। यह देखा जाना चाहिए कि कैसे एक नेशनल पार्टी के लीडर सुप्रीम कोर्ट के साथ बर्ताव कर रहे हैं। राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह कल्पना से परे है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा होगा कि चौकीदार चोर है। हम (राहुल गांधी) इस बात के लिए खेद व्यक्त करते हैं कि हमने यह बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चौकीदार चोर है। लेकिन हम इस पॉलिटिकल स्लोगन पर कायम हैं कि चौकीदार चोर है। हमने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के हवाले से दिए इस बयान पर खेद जताया है।
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