लोकल हरे मटर की मार्केट में दस्तक
डेढ़ महीने की देरी के बाद भुंतर मंडी में कारोबार तेज, निचले इलाकों की फसलें तैयार
भुंतर -करीब डेढ़ माह की देरी के बाद कुल्लू का स्वादिष्ट हरा मटर आखिरकार मार्केट में आ गया है। मार्केट में आते ही मटर को लोग हाथों-हाथ खरीदने लगे हैं और यह 45 से 50 रुपए प्रति किलो का दाम वसूलने लगा है। चार माह के विराम के बाद कुल्लू की लोकल सब्जियां मार्केट मंे आने लगी हैं। गोभी वर्गीय फसलों के बाद स्वादिष्ट हरा मटर भी सब्जी मंडियों मंे पहुंचने लगा है। लिहाजा, नकदी फसलों के उत्पादन के लिए पिछले कुछ सालों से राज्य के अग्रणी जिलों में शुमार हो चुके कुल्लूवासियों को स्वादिष्ट और गुणकारी हरी सब्जियों के लिए बाहरी राज्यों पर अब निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। सर्दियों के समापन और गर्मियों के आगाज के साथ ही जिला के हजारों उत्पादकों द्वारा उगाई जाने वाली फसलें मार्केट में उतरनी आरंभ हो गई हैं। मार्केट सूत्रों के अनुसार गुणवत्ता के मामले में देश भर के मटर को टक्कर देने वाला जिला का स्वादिष्ट हरा मटर पिछले करीब एक सप्ताह मार्केट में पहुंच रहा है। मटर की दस्तक ने जिला की सब्जी मंडियों में बहार लौटा दी है, जो आगामी छह माह तक यूं ही जारी रहेगी। जिला की सबसे बड़ी सब्जी मंडी भुंतर में पिछले कुछ दिनों से मटर की आवक में इजाफा होने लगा है। लोकल सब्जियों की आमद उत्पादकों के साथ हरी सब्जियों के शौकीन जिलावासियों के लिए राहत का समाचार है। मार्केट समिति के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह तक भुंतर में नाममात्र ही फसल पहुंच रही थी, लेकिन मौसम के ठीक होने के बाद इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक सप्ताह के भीतर इसके दोगुना तक होने की संभावना है। कम उत्पादन की संभावना को देखते हुए इस बार उत्पादक बेहतर दामों की आस लगाए हुए हैं। जानकार बताते हैं कि इस साल प्रतिकूल मौसम के चलते फसल करीब डेढ़ माह देरी से तैयार हुई है और कम हुई है, जिससे दामों में इजाफा हो सकता है। सब्जी मंडियों मंे कारोबार का श्रीगणेश होने के बाद मार्केट समिति भी हरकत में आने लगी है और कारोबारियों के लिए दिशा निर्देश जारी करने लगे हैं। एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने बताया कि गोभी के बाद हरा मटर मार्केट में आने लगा है।
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