विशेष खिलाडि़यों को नहीं बनी नीति

By: Apr 7th, 2019 12:02 am

हिमाचल प्रदेश में सम्मान को तरस रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता

 शिमला हिमाचल प्रदेश में स्पेशल खिलाड़ी सम्मान के लिए तरस रहे हैं। राज्य सरकार एवं खेल विभाग अभी तक स्पेशल खिलाडि़यों के लिए कोई भी पॉलिसी फ्रेम नहीं कर पाया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुके इन खिलाडि़यों को वह सम्मान नहीं मिल पाया है, जिसके वे हकदार हैं। हालांकि वर्ष 2015 वर्ल्ड समर गेम्स से पदक जीतकर लाए खिलाडि़यों को खेल विभाग द्वारा नकद पुरस्कार प्रदान किया गया था, लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल के इन खिलाडि़यों को नाममात्र राशि ही प्रदान की गई।  अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रदेश के स्पेशल खिलाड़ी देश के लिए 91 पदक दिला चुके हैं। इनमें 31 स्वर्ण, 29 रजत और 31 कांस्य पदक शामिल है। हाल ही में आबुधाबी में खेली गई वर्ल्ड विंटर चैंपियनशिप में भी हिमाचल के खिलाडि़यों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए 13 पदक हासिल किए थे। इनमें दो गोल्ड, छह सिल्वर और पांच ब्राउंज शामिल हैं। यहां बता दें कि विश्व चैंपियनशिप में हिमाचल के 61 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यही नहीं, इसके अलावा हाल ही में खेली गई विश्व विंटर गेम में हिमाचल से पहली मर्तबा यूनिफाइड पार्टनर ने भी भाग लिया था, मगर विडंबना है कि इन खिलाडि़यों को प्रदेश की तरफ से न तो रोजगार में पर्याप्त कोटा मिला पा रहा है और न ही उन्हें अन्य राज्यों के वनीस्पद पर्याप्त धनराशि प्रदान की जा रही है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता स्पेशल खिलाड़ी को 10 से 15 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। वहीं दिल्ली सरकार भी स्वर्ण पदक विजेता खिलाडि़यों को 10 लाख तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रदेश में वर्ष 2015 समर गेम्स के पदक विजेताओं को वर्ष 2016 में खेल विभाग द्वारा 50-50 हजार रुपए बतौर प्रोत्साहन दिया गया था, जिसका उस समय भी कई अभिभावकों ने विरोध किया था। ऊना व मंडी के कई अभिभावकों ने खेल विभाग द्वारा उन्हें प्रदान किए गए चेक तक वापस कर दिए थे। अब सरकार उनकी इस मांग को कब तक पूरा करेगी, इस पर नजर रहेगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App