शांता, खीमी, सत्ती भाजपा की लक्की ‘पत्ती’

By: Apr 18th, 2019 12:20 am

तीनों नेताओं के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने हासिल की बड़ी कामयाबी

शिमला —प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्षों में शांता कुमार, खिमीराम शर्मा और वर्तमान अध्यक्ष सतपाल सत्ती पार्टी के लिए सबसे लक्की साबित हुए हैं। हालांकि अब तक जितने भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, उनके कार्यकाल में लोकसभा चुनाव होते रहे। चाहे उपचुनाव हुए हों या फिर आम चुनाव। सांसद शांता कुमार जब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे तो 1989 में लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा ने तीन सीटों के साथ पहली बार प्रदेश में अपना खाता खोला। उस साल भाजपा ने शिमला को छोड़ शेष तीनों सीटों पर जीत दर्ज की थी। शांता कुमार 1986 से 1990 तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहे। उसके बाद 1990 से 1993 तक महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष रहे तो इस बीच 1991 में लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को मात्र दो सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल  की अध्यक्षता में 1996 में चुनाव हुए तो पार्टी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली। धूमल प्रदेश अध्यक्ष के पद पर 1993 से लेकर 1998 तक रहे। जयराम कैबिनेट में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज 2003 से लेकर 2007 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान 2004 में लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को मात्र एक सीट पर ही जीत मिली। वर्ष 2009 से लेकर 2012 तक खीमीराम शर्मा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहे तो इस बीच 2009 में लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को तीन सीटोंं पर जीत मिली। सिर्फ मंडी सीट पर कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को जीत मिली थी। इसी तरह से वर्तमान भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती की अधक्षता में 2014 में चुनाव हुए और चारों सीटों पर पार्टी को जीत मिली। ऐसे में जाहिर है कि प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल के दौरान शांता कुमार, खीमीराम, सुरेश चंदेल और वर्तमान अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती पार्टी के लिए लक्की साबित हुए। सत्ती की अध्यक्षता में रिकार्ड चारों सीटें जीत। इस बार उनकी अध्यक्षता में लोकसभा चुनाव दूसरी बार हो रहे हैं।

कम नहीं थी चंदेल की अध्यक्षता

भले ही इन दिनों भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंदेल पार्टी से खफा चल रहे हों, मगर उनकी अध्यक्षता भी कम नहीं थी। जब वह 1998 से 2000 तक प्रदेश भयजपा अध्यक्ष थे तो उस बीच लोकसभा चुनाव में पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली थी। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव सुरेश चंदेल की अध्यक्षता में हुए और शिमला को छोड़ बाकी सभी तीनों सीटें भाजपा की झोली में गई। उसके बाद फिर से 1999 में चुनाव हुए तो भी भाजपा को तीन सीटों पर जीत मिली थी।

जयराम के वक्त धूमल-अनुराग जीते

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूर्व में जब प्रदेशाध्यक्ष रहे तो उनकी अध्यक्षता में हमीरपुर सीट से प्रेम कुमार धूमल और 2008 के उपचुनव में अनुराग ठाकुर को जीत मिली थी। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उनका कार्यकाल 2007 से 2009 तक रहा, लेकिन इस बीच 2007 और 2008 में हमीरपुर सीट पर उपचुनाव हुए, जिसमें 2007 में प्रेम कुमार धूमल तो 2008 में अनुराग ठाकुर को जीत मिली थी। इस चुनाव से ही अनुराग ठाकुर ने राजनीति की पहली सीढ़ी पार की थी।


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