श्रीलंका में एमर्जेंसी लागू

By: Apr 23rd, 2019 12:03 am

कोलंबो में एक और धमाका; बस स्डैंड पर मिले 87 डेटोनेटर, अब तक 290 की मौत 

कोलंबो -श्रीलंका में रविवार को हुए आठ सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में सोमवार को एक चर्च के पास एक और बम धमाका हो गया। बताया जा रहा है कि कोलंबो में एक चर्च के पास वैन में जोरदार धमाका हो गया। यह ब्लास्ट उस समय हुआ, जब बम निरोधक दस्ते के अधिकारी उसे निष्क्रिय करने की कोशिश कर रहे थे। धमाके के बाद की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें वैन के मलबे से आग की लपटें उठती दिखाई दे रही हैं। इस खबर से इलाके में भय पैदा हो गया है। उधर, श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे विध्वंसक सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 290 पहुंच गई है। रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्च और होटलों समेत कुल सीरियल ब्लास्ट हुए थे। हमले में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसमें कई की हालत गंभीर है। इस बीच, श्रीलंका पुलिस को कोलंबो के मुख्य बस स्टैंड पर 87 बम डेटोनेटर्स मिले हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार आधी रात से पूरे देश में एमर्जेंसी लागू करने का ऐलान कर दिया है। सीरियल ब्लास्ट की जांच कर रही श्रीलंकाई पुलिस अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, सोमवार सुबह कोलंबो एयरपोर्ट के पास एक और बम बरामद हुआ है। इसे सुरक्षाबलों ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया। उधर, भारत ने अपने पड़ोसी देश को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बात कर हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसके साथ ही भारत ने कई ऐहतियाती कदम भी उठाए हैं। श्रीलंका से लगती समुद्री सीमा पर तैनात भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। रविवार को पड़ोसी देश में हुए आठ धमाकों के बाद भारतीय बल की तरफ से सतर्कता बढ़ा दी गई है। भारतीय तटरक्षक बल ने निगरानी बढ़ा दी है और गश्त के लिए ज्यादा पोत और विमानों को तैनात किया है।

विस्फोट के लिए इस्लामी चरमपंथी संगठन जिम्मेदार

इस बीच श्रीलंकाई सरकार ने पहली बार इन हमलों के लिए जिम्मेदार संगठन का नाम लिया है। सरकार के प्रवक्ता राजीथा सेनारत्ने ने सीरियल ब्लास्ट के लिए स्थानीय इस्लामी चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को जिम्मेदार ठहराया है।

जांच को बनाई कमेटी

श्रीलंका की नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल की ओर से सोमवार को देश में आधी रात से आपातकाल लगाने की सिफारिश की गई। विस्फोटों के मद्देनजर देश में फिर से कर्फ्यू भी लगाया जाएगा। यह सोमवार रात आठ बजे से लेकर मंगलवार तड़के चार बजे तक लगा रहेगा। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने विस्फोटों की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की है। खबर के अनुसार, समिति में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विजित माललगोडा शामिल हैं। राष्ट्रपति ने समिति को विस्फोटों से संबंधित सभी मामलों की जांच करने, इसकी पृष्ठभूमि और अन्य तथ्यों की जांच करने के और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

श्रीलंका हमले के मृतकों में जेडीएस के पांच नेता

बंगलुर। श्रीलंका में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में कर्नाटक निवासी और जनता दल (सेक्युलर) के पांच नेता शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनकी पहचान शिवकुमार, हनुमनथारायप्पा, रंगाप्पा, रमेश और लक्ष्मीनारायण के रूप में की गई है। इनके पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि वे 18 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान के बाद श्रीलंका गए थे और मंगलवार को आने वाले थे। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के ही तीन और लोगों के नहीं लौटने की सूचना मिली है। विदेश मंत्रालय से इस संबंध में कोई जानकारी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (सेकुलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने नेताओं की मौत पर दुख जताया है।

गम और खौफ में डूबा पूरा देश

बम धमों के बाद पूरा देश गम और खौफ में डूबा हुआ है। राजधानी कोलंबों में सड़क साफ करने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि उनके लिए यह काम करना रविवार को काफी दुख पहुंचाने वाला था। अब हम लोगों को कोई भी काला प्लास्टिक बैग छूते हुए भी डर लग रहा है। बीता रविवार उन दिनों की याद दिलाता है, जब हम लोग बसों और ट्रेनों में जाने से भी डरते थे। श्रीलंका में सोमवार को स्कूल, कॉलेज और स्टॉक मार्केट तो बंद रहे, लेकिन कुछ दुकानें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट खुल नजर आए।

आखिर भगवान कहां हैं?

ब्लास्ट के बाद चर्च में जहां-तहां बिखरी लाशें और मांस को लोथड़े। श्रीलंका में जिसने भी यह मंजर देखा, वह सदमे में है। लोगों की जुबां पर सवाल है-आखिर भगवान कहां है? ईस्टर के मौके पर जब हजारों लोग प्रार्थना के लिए चर्च पहुंचे थे, उस समय हमलावरों ने चर्च और होटलों को निशाना बनाया था। हमले में घायल हुए शांता प्रसाद घायल बच्चों को कोलंबो के हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। इस हमले के बाद उनके जेहन में सिविल वॉर की याद ताजा हो गई। उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ 8 घायल बच्चों को लेकर गया। इनमें 2 बच्चियां 6 और 8 साल की थीं। मेरी बेटियों की उम्र भी लगभग यही है। उनके कपड़े खून से लथपथ थे। एक दशक के बाद ऐसी हिंसा फिर से देखकर दिल दहल गया।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App