हिमाचल के 40 फीसदी किसानों ने छोड़ी खेतीबाड़ी

By: Apr 10th, 2019 12:02 am

प्रदेश भर में धीरे-धीरे बंजर हो रहे खेत, सस्ते बीज-खाद न मिलने से किसान मायूस

 शिमला —हिमाचल प्रदेश में किसानों ने खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ दिया है। 40 फीसदी किसान तो ऐसे हैं, जिनकी जमीन पूरी तरह से बंजर बन गई है। बताया जा रहा है कि किसानों को सस्ते दामों में बीज व खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि किसानों द्वारा अप्लाई करने पर उन्हें फ्री और सस्ते दामों में भी बीज़ और खाद उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो 30 से 35 फीसदी किसान ही सस्ते बीजों का फायदा ले पा रहे हैं। बहुत सी औपचारिकताओं की वजह से अधिकतर किसान इस पचड़े में ही नहीं पड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार मैदानी क्षेत्रों के लोगों ने अपने खेतों को दूसरे कार्यों के लिए किराए पर दे दिया है। इस वजह से जमीन भी अब फसलें उगाने लायक नहीं बची हैं। कूषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसानों ने रबी की फसल को बिलकुल ही कम कर दिया है। किसान केवल गुजारे लायक ही फसलें उगा रहे हैं। वहीं, प्रदेश में खेती से मुंह मोड़ने वाले किसानों का तर्क है कि खेतों में इतनी मेहनत से उगने वाली फसलों को जंगली जानवर खराब कर रहे हैं। अभी तक प्रदेश के 90 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जिन्हें सोलर फेंसिंग तक की सुविधा नहीं मिल पाई है। जिन किसानों यह फेंसिंग लगाई भी है, उनका भी यह कहना है कि इस फेसिंग को तोड़कर भी किसान खेतों में फसलें बरबाद कर चले जाते हैं। इस वजह से उन्होंने खेती करना ही छोड़ दिया है। बता दें कि हिमाचल में किसानों द्वारा एकदम खेती से मुंह मोड़ने की वजह से सब्जी मंडियों में सप्लाई कम हो गई है। इस वजह से प्रदेश के मंडियों में हर सब्जी के दामों में भी इजाफा हो रहा है।

बाहर से मंगवाएंगे अनाज

कृषि विभाग का दावा है कि अगर किसानों ने खेतीबाड़ी को लेकर ऐसा ही रुख अपनाया तो प्रदेश की मंडियों में बाहरी राज्यों से वस्तुएं मंगवानी पड़ेंगी। वहीं, प्रदेश के लगभग साढ़े आठ लाख किसानों पर करोड़ों रुपए का कर्ज है। यही वजह है कि हर साल किसान खेतीबाड़ी न कर अपने खेतों में कुछ और ही बिजनेस करना चाहते है।

नई पीढ़ी को किया जाएगा जागरूक

कृषि विभाग के निदेशक देशराज का कहना है कि खेतीबाड़ी करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में खेतीबाड़ी से संबंधित शिविर लगाने की तैयारी की जा रही है।

 

 


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