हिमुडा के सीईओ की कुर्सी खतरे में

By: Apr 10th, 2019 12:03 am

 शिमला —तीन माह की एक्सटेंशन के बावजूद हिमुडा के सीईओ ईं. उमेश शर्मा की कुर्सी खतरे की जद में आ गई है। इस माह 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे उमेश शर्मा को हिमुडा ने अगले तीन माह का सेवाविस्तार दिया है। चीफ इंजीनियर पद पर दी गई एक्सटेंशन के तुरंत बाद वह हिमुडा के सीईओ पद पर पदोन्नत हो गए हैं। इसके चलते तीन माह की एक्सटेंशन के बावजूद उमेश शर्मा का सेवाकाल 30 अप्रैल को समाप्त होना तय है। कार्मिक विभाग ने भी हिमुडा को इस बारे स्थिति स्पष्ट कर दी है। रोचक है कि हिमुडा ने मामला कार्मिक विभाग को भेजे बिना उमेश शर्मा की चीफ इंजीनियर पद के लिए अपने स्तर पर एक्सटेंशन जारी कर दी। हालांकि इसके लिए बाकायदा सीएम आफिस से फाइल अप्रूव करवाई गई थी। एक्सटेंशन के तुरंत बाद उमेश शर्मा को राज्य सरकार ने पदोन्नत कर सीईओ पद पर तैनाती दे दी, लेकिन इस पोस्ट के लिए सेवाविस्तार सरकार से नहीं मांगा। लिहाजा नियमों के तहत ईं उमेश शर्मा की चीफ इंजीनियर पद पर हुई तीन माह की एक्सटेंशन सीईओ की पोस्ट के लिए काम नहीं आएगी। इस कारण तीन महीने के सेवाविस्तार के बावजूद उनका सीईओ पद पर कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। नियमों के तहत उमेश शर्मा को पिछली पोस्ट पर भी तैनाती नहीं दी जा सकती। इस कारण कानूनी पेंच में उलझे इस मामले पर अब उमेश शर्मा सीईओ पद पर सेवाविस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले उमेश शर्मा को हिमुडा में आवेदन करना होगा। इसके बाद फाइल कार्मिक विभाग से मंजूर होकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी को भेजी जाएगी। चुनाव आयोग के निर्देश पर गठित स्क्रीनिंग कमेटी की अप्रूवल के बाद यह प्रस्ताव केंद्रीय चुनाव आयोग को दिल्ली भेजा जा सकता है।

अश्विन अबरोल ने कर दी मेल

एक्सटेंशन पर मचे घमासान के बीच अब पीएमजीएसवाई के मुखिया चीफ इंजीनियर अश्विन अबरोल ने भी सेवाविस्तार के लिए आवेदन कर दिया है। दक्षिण भारत में छुट्टियां मना रहे अश्विन अबरोल ने ई-मेल के माध्यम से राज्य सरकार को एक्सटेंशन के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को साउथ से ई-मेल भेजकर आग्रह किया है कि उन्हें सेवाविस्तार दिया जाए। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी सीसी में रखा गया है।

कांग्रेस ने भेजा लैटर

पीडब्ल्यूडी के अफसरों को दी गई एक्सटेंशन के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पुनर्विचार करने का पत्र भेजा है। कहा गया है कि एक ही पोस्ट पर डटे अफसरों को विशेष लाभ देने के लिए सेवाविस्तार दिया गया है। इससे दूसरे अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति रुक गई है। इस मामले के खिलाफ मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारी हाई कोर्ट भी पहुंच गए हैं।

 


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