हेलमेट अब और सुरक्षित होंगे

By: Apr 23rd, 2019 12:02 am

भारतीय मानक ब्यूरो नए नियम लाने की तैयारी में

नई दिल्ली -मिक्सर, ग्राइंडर और जूसर के लिए देश में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य है। लेकिन टू वीलर हेलमेट के लिए इस तरह का कोई स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन लेना जरूरी नहीं है, लेकिन अब जल्द ही एक नया नियम आ सकता है, जिसके तहत इन सुरक्षात्मक हेडगियर की क्वॉलिटी को आखिरकार बीआईएस एक्ट के तहत लाया जाएगा। हेलमेट के लिए बीआईएस ऐक्ट अनिवार्य करने के पीछे उद्देश्य इनकी क्वॉलिटी को सुनिश्चित करना है। हेलमेट निर्माता कंपनियों का कहना है कि देश में एक साल में बनने वाले दो करोड़ हेलमेट में से 70 प्रतिशत छोटी और असंगठित कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं। बता दें कि सरकार ने पहले ही संगठित सेक्टर में बीआईएस सर्टिफिकेशन वाले हेलमेट न बनाने वाले टू वीलर हेलमेट निर्माताओं के लिए नए बीआईएस नियमों को जारी कर दिया है। टू-व्हीलर हेलमेट मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी, राजीव कपूर का कहना है कि सरकार हेलमेट के लिए बीआईएस मार्क अनिवार्य बनाने के लिए एक नियम को ऐलान करने की योजना बना रही है। इन नियमों को इसी साल 15 जनवरी से लागू किया जाना था। पहले 15 अप्रैल और फिर 15 जुलाई तक के लिए इस तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। अभी भारत में कुल 219 कंपनियां हैं, जिनमें से सिर्फ नौ ने ही जरूरी सर्टिफिकेशन अब तक हासिल किया है। मौजूदा वक्त में रॉयल एनफील्ड और वेस्पा जैसे चुनिंदा ब्रांड्स ही हैं, जो इन नियमों को पूरा करते हैं।


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