सुमन की कड़ी मेहनत से खिले कामयाबी के फूल

By: Apr 1st, 2019 12:02 am

हिमाचल की उड़नपरी ने देश भर में एथलेटिक्स में कमाया नाम, पूरा किया पिता का सपना

शिमला  —सूरज की तपिश और बेमौसम बरसात को हंसकर झेला, मुसीबतों से भरे दलदल में अपनी जिंदगी को धंस कर ठेला। यूं ही नहीं कदम चूमती है सफलता आज इस खुले आसमान तले जमाने भर के नामों को पीछे छोड़ा है, तब जाकर अपना नाम फैला है। ये पंक्तियां खेल विभाग की निदेशक सुमन रावत मेहता पर स्टीक बैठती हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत से उस सपने को साकार किया, जो उनके पिता ने उनके और प्रदेश के लिए देखा था। पिता के सपने को साकार करने के दौरान जहां सुमन रावत ने कई नए कीर्तिमान बनाए, वहीं उड़नपरी की ख्याति भी हासिल की। उड़नपरी की ख्याति के साथ-साथ खेल महकमे की पहली महिला निदेशक का तमगा भी उनके नाम रहा है। सुमन रावत का जन्म शिमला में छह मार्च, 1961 में हुआ, लेकिन वह मूल रूप से सुंदरनगर की रहने वाली हैं। 1988 में इनका विवाह सोलन जिला के सायरी में हुआ। सुमन रावत ने छठी कक्षा से खेलना शुरू किया। शुरुआत में खो-खो उनका पसंदीदा खेल था, लेकिन छठी से दसवीं कक्षा तक वह बेस्ट एथलीट भी रहीं। कालेज के दिनों में उन्होंने हाकी खेलना शुरू कर दिया। हाकी में भी उनका चयन इंडियन टीम में हो गया था, मगर कैंप न लगा पाने से वह हाकी टूर्नामेंट नहीं खेल पाई। इसके पश्चात सुमन रावत ने एथलेटिक्स एकल खेल को चुना। वर्ष 1982 में प्री एशियाड गेम्स में पहला कांस्य पदक जीता। 1983 में इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500, 3000 मीटर में दो सिल्वर पदक जीते। 1983 में पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने एनआईएस का डिप्लोमा किया। इसके पश्चात 1984 में उन्होंने 1500 व 3000 मीटर दौड़ में नेशनल रिकार्ड बे्रक कर नया कीर्तिमान बनाया। 1984 में ही उनका ओलंपिक के लिए सिलेक्शन हुआ था। वर्ष 1984 में सुमन रावत को खेल विभाग में डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स आफिसर के पद पर तैनाती मिली। वर्ष 1985 में जकार्ता में हुई एशियन चैंपियनशिप में पदक जीता। सुमन रावत को वर्ष 1986 में कोरिया में  हुई एशियन गेम्ज में कांस्य पदक हासिल हुआ था। 1986 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। उन्होंने वर्ष 1987 में साउथ एशियन फेडरेशन गेम्स में  1500, 3000 और दस हजार मीटर दौड़ में पदक जीतकर नेशनल रिकार्ड बनाए। 1989 में मैराथन में बेहतर प्रदर्शन किया और लगातार तीन वर्षों तक चैंपियन रहीं। सुमन रावत की प्रारंभिक शिक्षा शिमला के पोर्टमोर स्कूल से हुई, जबकि स्नातक की शिक्षा आरकेएमवी कालेज से पूरी की। वे पांच बहने हैं, सभी बहनें नेशनल प्लेयर हैं।

पहली महिला निदेशक का तमगा

एथलेटिक्स में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन करने और पहली महिला निदेशक का तमगा हासिल करने वाली सुमन रावत को ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित करेगा। सुमन रावत को यह सम्मान ‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट ‘मिस हिमाचल-2019’ के गें्रड फिनाले में प्रदान किया जाएगा।  सुमन रावत मेहता ने खेल विभाग में बतौर निदेशक सेवाएं दी हैं।

 


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