कसौली में खरीदना पड़ रहा पानी

By: May 12th, 2019 12:05 am

कसौली – कई सरकारें आई और चली गई परंतु ऐतिहासिक पर्यटन स्थल कसौली का किसी सरकार ने पेयजल का कोई स्थायी समाधान अभी तक नहीं किया। यहां आज भी लोग पेयजल को खरीद कर अपनी दैनिक जरूरत को पूरा करते हैं। कसौली देश का पहला क्षेत्र हैं जहां पर सदियों से रहने वाले लोगों को हिमाचल में भूमि खरीदने का अधिकार तक हासिल नहीं है। प्रदेश सरकार यहां के लोगों को छावनी क्षेत्र होने से यहां के विकास को केंद्रीय सरकार के अधीन बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच जाती है। वहीं, केंद्र सरकार राज्य सरकार को जिम्मेदार ठेहराकर कुछ भी करने को तैयार नहीं है। यहां के नागरिकों को प्रदेश में अपना विधानसभा विधायक व सांसद को चुनने के लिए वोट का तो अधिकार है, लेकिन यहां की मूलभूत सुविधाओं को विधायक व सांसद से हमेशा उपेक्षित रहते हैं। यहां के पूर्व पार्षद एवं वरिष्ठ नागरिक कृष्णा मूर्ति का कहना है कि वह सन् 2000 से कसौली के पेयजल व्यवस्था की समस्या को हिमाचल सरकार के समक्ष लगातार लिखित रूप से उठाते रहे हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ भी हासिल न हुआ। कृष्णा मूर्ति ने कहा कि सन् 2008-9 में प्रदेश सरकार के आईपीएच विभाग ने कालूझींडा से उठाऊ पेयजल योजना निर्माण करने के उचित आदेश जारी किए थे, लेकिन इस योजना को पहले पांच करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई बाद में इस डीपीआर को सन 2012 में 18 करोड़ रुपए किया गया, अब फिर इसका विस्तार कर 27 करोड़ रुपए तक किया गया है, यह जानकारी आईपीएच विभाग ने दी है। इस योजना के निर्माण में कसौली छावनी बोर्ड ने भी अपनी हिस्सेदारी को अपने हाथ बढ़ाए और हिमाचल सरकार को पेयजल योजना के निर्माण के लिए बतौर हिस्सेदारी पांच करोड़ 79 लाख रुपए लिखित रूप में आईपीएच विभाग को दे चुका है,  यही नहीं बल्कि कसौली छावनी बोर्ड यदि इस योजना में और भी हिस्सेदारी मांगेगी तो प्रदेश सरकार उसे भी देने को तैयार है। यहां पर स्थापित ऐतिहासिक केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली भी योजना के निर्माण के लिए अपनी हिस्सेदारी लिखित रूप में आईपीएच विभाग को दे चुका है। लोगों में पेयजल को लेकर हाहाकार मची हुई है। छावनी बोर्ड कसौली से प्राप्त सरकारी जानकारी के अनुसार बोर्ड ने दो बोरवेल करने की अनुमति प्रदेश सरकार से मांग रखी है परंतु इसकी भी प्रदेश सरकार ने अपनी स्वीकृति कसौली छावनी बोर्ड को नहीं दी है। उल्लेखनीय यह है कि कसौली छावनी बोर्ड एमईएस से पानी खरीदकर कसौली में देने का प्रयास करे हुए है।  यहां के लोगों ने सरकार से मांग की है कि कसौली पेयजल योजना के निर्माण के लिए शीघ्र उचित बजट उपलब्ध कराएं, ताकि समयानुसार यहां की सदियों से चली आ रही पेयजल समस्या का समाधान हो सके।


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