जेई की याचिका खारिज, होगी गिरफ्तारी
वायरिंग घोटाले में आईपीएच अधिकारी पर कसा शिकंजा, विजिलेंस टीम जगह-जगह कर रही तलाश
हमीरपुर —आईपीएच विभाग हमीरपुर के तहत अनुभाग लंबलू की भारी भलेड़ा उठाऊ पेयजल योजना के वायरिंग घोटाले में फंसी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की जेई की जमानत याचिका सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दी। बेल की अर्जी नामंजूर होने के बाद अब कनिष्ठ अभियंता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ने एक टीम गठित की है। जानकारी मिली है कि जमानत याचिका खारिज होने के उपरांत विजिलेंस की टीम जेई को गिरफ्तार करने के लिए रवाना हो गई है। खबर लिखे जाने तक विजिलेंस जेई को तलाश करने के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। बताते हैं किजमानत याचिका खारिज होने के उपरांत से जेई के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि आईपीएच विभाग की भारी भलेड़ा उठाऊ पेयजल योजना के वायरिंग कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया वर्ष 2014 में अपनाई गई थी। इसी वर्ष लंबलू स्कीम की वायरिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया हुई। भारी भलेड़ा स्कीम की वायरिंग के लिए एक लाख तीन हजार रुपए का टेंडर लगाया गया था, वहीं लंबलू पेयजल योजना की वायरिंग के लिए भी करीब 25 हजार का टेंडर लगा था। सूत्रों के अनुसार दोनों ही उठाऊ पेयजल योजनाओं में वायरिंग कार्य नियमानुसार नहीं हुए और इनमें अनियमितताएं पाई गईं। कार्यों में हजारों रुपए की गड़बड़ी की शिकायत डुगली पंचायत के प्रधान ने विजिलेंस में की। विजिलेंस ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी इस बारे सूचित किया था। विजिलेंस व आईपीएच विभाग द्वारा इस मामले में करीब तीन साल की जांच के बाद मामले में वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज कर ली गई। इसके उपरांत जेई ने कोर्ट की शरण ली। अब तक मामला कोर्ट के विचाराधीन था। सोमवार को न्यायालय ने इसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जमानत याचिका खारिज होने के उपरांत अब आरोपों से घिरी जेई की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App