प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट आखिर कब?

By: May 12th, 2019 12:01 am

2018 के बजट में गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए प्रस्तावित था चार करोड़ का बजट, सिरे नहीं चढ़ी योजना

शिमला- प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र की सबसे अहम किडनी ट्रांसप्लांट की योजना अभी तक सिरे ही नहीं चढ़ पाई है। भले ही आईजीमएसी प्रशासन पूरी जद्दोजहद कर रहा है, लेकिन अभी इसे वास्तविक तौर पर सफलता हाथ नहीं लग पाई है। हर वर्ष प्रदेश में सौ से अधिक किडनी प्रभावित लोगों को ट्रांसप्लांट की आवश्यक्ता पड़ रही है, लेकिन आईजीएमसी में इस योजना का लाभ मरीजों को नसीब ही नहीं हो पाया है। गौर हो कि वर्ष 2018-19 के बजट भाषण में प्रदेश सरकार ने गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए चार करोड़ का बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन अभी तक यह योजना सफल ही नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक एम्स के डाक्टरों की मई में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मंजूरी मिल गई थी, लेकिन एम्स से डाक्टरों ने ऑपरेशन शेड्यूल ही अभी तक जारी नहीं किया है। पहले टं्रासप्लांट अप्रैल में होने की सूचना थी, लेकिन एम्स के विशेषज्ञों ने एक अहम सेमिनार का हवाला देते हुए कहा कि वे अब मई में आएंगे। अब मई भी शुरू हो गया, लेकिन डाक्टर नहीं आ पाए हैं। आईजीएमसी में पहला किडनी ट्रांसप्लांट एम्स के डाक्टरों द्वारा ही करना तय किया गया है। उधर आईजीएमसी ने अब इस बाबत लगभग पूरी तैयारियां कर ली थीं, जिसमें खासतौर पर बेहतर दवाआें का इस्तेमाल करने की लिस्ट और ओटी तैयार करने की सूचना है। एम्स के डाक्टरों के साथ आईजीएमसी के डाक्टर किडनी ट्रांसप्लांट में पूर्णतः सहयोग देने के बाद स्वतंत्र तौर पर आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे। अब एम्स से डाक्टर कब तक आते हैं, इसके बारे में अधिकारी वर्ग भी चुप्पी साधे हुए है।

हर साल पहुंचते हैं दो हजार मरीज

हर वर्ष प्रदेश में किडनी प्रभावित के  दो हजार मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं, जिसमें खासतौर पर 60 फीसदी मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की हिदायत दी जाती है, लेकिन यह सुविधा पहले शिमला में नहीं थी। पीजीआई चंडीगढ़ में जाने- आने व रहने में करीब 70 हजार तक मरीजों को खर्चा करना पड़ता है। इसके अलावा यदि मरीज को डोनर मिल जाए, तो भी पीजीआई में भारी भीड़ होने के कारण लंबे समय तक मरीजों को रहना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को डायलिसिस पर रखना पड़ता है।

गरीबों के लिए होगा वरदान

एम्स के डाक्टर भले ही आईजीएमसी आकर किडनी ट्रांसप्लांट करें, लेकिन प्रदेश के डाक्टर भी अब इस ओर टे्रंड है। किडनी ट्रांसप्लांट से प्रदेश के गरीब मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।  किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले आईजीएमसी के चिकित्सकों की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन थियेटर भी तैयार कर दिया गया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App