भंजवाणी से बल्हबुलाणा की दूरी हो कम

By: May 27th, 2019 12:05 am

बिलासपुर—गोविंदसागर झील पर औहर से बल्हबुलाणा ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ने के लिए राजाओं के जमाने के भंजवाणी पुल निर्माण को लेकर जनता एकजुट हो गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि भाखड़ा से लेकर कंदरौर तक कोई पुल नहीं है जिसके चलते झील के दोनों ओर बसी हजारों की आबादी को आवागमन के लिए एक लंबा फासला तय करना पड़ता है जिसमें वक्त और पैसा दोनों की ही बर्बादी होती है। यदि भंजवाणी से बल्हबुलाणा के लिए भंजवाणी पुल तैयार होता है तो झंडूता और सदर विधानसभा क्षेत्रों की लाखों की आबादी को लाभ होगा। रविवार को भंजवाणी पुल पुनर्निर्माण समिति औहर की बैठक नरसिंह मंदिर गेहड़वीं में हुई। इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष देशराज शर्मा ने की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए देशराज शर्मा ने कहा कि भंजवाणी पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित किया गया कि नवनियुक्त सांसद अनुराग ठाकुर व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से गति मिलेगी और उनके समक्ष इलाके की समस्या को उजागर किया जाएगा और उनको औहर में बुलाकर इस मांग को पूरा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पुल का निर्माण सन् 1889 में राजा अमर चंद ने करवाया था। इस पुल के निर्माण कार्य पर उस समय 28 हजार 571 रुपए का खर्च आया था। उन्होंने कहा कि इस पुल के बनने से झंडूता व घुमारवीं विस क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाखड़ा से सलापड़ तक केवल एकमात्र पुल कंदरौर में है और एक पुल डैहर में 10-15 वर्ष पहले बना है। उन्होंने कहा कि कंदरौर पुल का निर्माण  इसलिए किया गया है कि हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा को राजधानी शिमला से जोड़ा गया है और डैहर पुल जिला मंडी को जोड़ने के लिए बनाया गया है, लेकिन भाखड़ा डैम के बनने से भंजवाणी पुल डैम में जलमग्न हो गया है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा से कंदरौर तक लभग 50 किलोमीटर लंबी झील है, उस पर आज तक कोई भी पुल सरकारों द्वारा नहीं बनाया गया। जबकि बिलासपुर के लोगों ने पंजाब, हरियाणा व राजस्थान सहित अन्य राज्यों को पानी सिंचाई के लिए दिया है और बिजली पैदा होने से देश में औद्योगिक क्रांति भी आई है। देशराज शर्मा के अनुसार भाखड़ा डैम से प्रदेश सरकार को रॉयल्टी मिलती है, उसका लगभग 15-20 प्रतिशत हिस्सा बिलासपुर के विस्थापितों के वेलफेयर पर शीघ्र खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन आज दिन तक ऐसा नहीं हो सका है। रॉयल्टी के तौर पर बिलासपुर को एक धेला तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि समिति की आगामी बैठक जून  माह में आयोजित की जाएगी जिसमें सभी पदाधिकारियों के साथ गहन विचार विमर्श करने के बाद अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में अरविंद, बिशन सिंह, बलवंत, ओमदेव, जसवंत, प्रकाश, मजनू राम,  अजय, वासु देव, परमानंद, अश्वनी, अमित, जगत, विजयपाल, प्रेमलाल, प्रताप व ओंकार चंदेल सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।


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