सर्वे से आगे नहीं बढ़ा खोदरी-टौंरू रोप-वे

By: May 6th, 2019 12:05 am

पांवटा साहिब—हिमाचल पर्यटन निगम की खोदरी से टौंरू के लिए प्रस्तावित रोप-वे योजना लगता है ठंडे बस्ते में डल गई है। योजना के सर्वे के बाद से अब तक प्रदेश में दो सरकारें काम कर चुकी है। इस योजना का सर्वे, जहां कांग्रेस की सरकार में हुआ था, वहीं भाजपा की सरकार बने भी डेढ़ वर्ष का समय हो चुका है, लेकिन प्रस्तावित योजना जस की तस है। योजना का सर्वे हुए चार साल होने को है, लेकिन अभी तक योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है, जिससे स्थानीय लोग हताश हैं और उनमें रोष है। यह योजना सर्वे के बाद जैसे रुक सी गई है। जानकारी के मुताबिक आंजभौज क्षेत्र के टौंरू गांव को हिमाचल व उत्तराखंड की सीमा पर प्रदेश के खोदरी गांव से रोप-वे से जोड़ना प्रस्तावित है। करीब चार साल पूर्व अप्रैल माह मंे जिला के प्रशासनिक अधिकारियों व पर्यटन निगम अधिकारी की टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया और सर्वे का काम भी शुरू किया, लेकिन उसके बाद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। लोगों का कहना है कि यदि यह योजना सिरे चढ़ती है तो इससे, जहां क्षेत्र के लोगों को 30 किमोमीटर का सफर मात्र तीन किलोमीटर रह जाएगा, वहीं क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी नए पंख लग जाएंगे। जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से थोड़े से प्रयास किए जा रहे थे। क्षेत्र को रोप-वे से जोड़ने के लिए अधिकारी सर्वे कर चुके हैं, लेकिन उसके बाद सब ठप। यदि यह योजना सिरे चढ़ती है तो आंजभौज क्षेत्र की बनौर पंचायत के कई गांव, शिवा पंचायत के शिवा, सुनोग, भरली व रूदाणा, नघेता, भैला आगरो, टौंरू पंचायत के डांडा, क्लाथा, बडाणा और कालाअंब आदि गांवों के लोग टौंरू गांव में पहुंचकर यहां रोप-वे के माध्यम से खोदरी पहुंच सकते हैं और वहां से विकासनगर जा सकते हैं। इन गांवों के किसानों को यदि रोप-वे के माध्यम से अपनी फसलों को बाजार तक पहुंचाने का भी लाभ मिले तो किसानों की फसल समय पर बाजार पहुंच सकती है। खोदरी में, जिस स्थान से टौंरू के लिए रोप-वे प्रस्तावित है वह स्थान हिमाचल व उत्तराखंड की सीमा पर है। यहां से हिमाचल की अनाज मंडी पांवटा साहिब 30 किलोमीटर दूर है, जबकि उत्तराखंड की अनाज मंडी केवल तीन किलोमीटर दूर रह जाएगी। इसका किसानों को सीधा लाभ मिल सकता है। इसके अतिरिक्त भंगानी व खोदरी माजरी के लोगों को यदि आंजभौज क्षेत्र में जाना है तो इसका लाभ इन पंचायतों के लोगों को भी मिलेगा। बीडीसी पांवटा साहिब के चेयरमैन रमेश तोमर ने बताया कि प्रशासन व पर्यटन विभाग के अधिकारी करीब चार साल पूर्व क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। इसमें जिला प्रशासन की ओर से तत्त्कालीन एडीएम सिरमौर व एसडीएम पांवटा भी शामिल थे। इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए रोप-वे जरूरी है। उधर, इस बारे में एसडीएम पांवटा एलआर वर्मा ने बताया कि इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट के बारे मंे फिलहाल सर्वे के बाद कोई ताजा जानकारी नहीं मिली है। जिला प्रशासन की इस बारे में जानकारी ली जाएगी, ताकि प्रक्रिया आगे बढ़ सके।


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