हरियाणा में सिर्फ पांच महिलाएं ही बनीं सांसद

By: May 1st, 2019 12:01 am

चंडीगढ़-हरियाणा के गठन से लेकर अब तक यहां से केवल पांच महिलाएं ही संसद तक पहुंच पाई हैं। इस बार आम चुनाव में 11 महिलाएं अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहीं हैं। दुखद बात यह है कि अपने कम लिंगानुपात के लिए आलोचना के घेरे में रहने वाले इस राज्य से पिछले लोकसभा चुनाव में कोई भी महिला जीत हासिल नहीं कर सकी थी। यहां छह संसदीय सीटें ऐसी हैं, जहां से लोगों ने कभी किसी महिला को नहीं जिताया है। इस बार के चुनावों में खास बात यह भी है कि राज्य में 11 में से सात महिलाएं बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोंक रही हैं,  पर इतिहास उनके पक्ष में गवाही नहीं दे रहा है। बता दें कि यहां आज तक कोई निर्दलीय महिला उम्मीदवार विजय घोषित नहीं हुई है।

श्रेय चंद्रवती बनीं पहली महिला सांसद

पहली महिला सांसद की बात करें, तो यह श्रेय चंद्रवती को हासिल है। वह जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में भिवानी सीट से विजयी हुईं थीं। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेहद निकट समझे जाने वाले नेता बंसी लाल को हराया था, हालांकि बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं थीं और 1990 में वह पुड्डूचेरी की राज्यपाल भी चुनी गई थीं।

शैलजा को मिला तीन बार मौका

राज्य से अब तक 151 सांसद चुने गए हैं, जिनमें से सिर्फ आठ महिलाएं ही सांसद बन सकीं हैं। कांग्रेस की कुमारी शैलजा ही एकमात्र ऐसी महिला हैं, जो तीन बार लोकसभा पहुंच सकीं है। दो बार अंबाला सीट से और एक बार सिरसा सीट से। शैलजा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हरियाणा ने खूब तरक्की की है, लेकिन जब महिलाओं की बात आती है, तो अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इस समस्या को हल करने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जब महिलांए आगे बढ़ेगी तभी देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने चुनावों में महिलाओं की भागीदारी को समय की जरूरत कहा है।


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