अब 853 बीघा भूमि में हो रही प्राकृतिक खेती

By: Jun 26th, 2019 12:05 am

नाहन—जिला सिरमौर के किसानों ने जीरो बजट खेती की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। वहीं जिला सिरमौर की 550 बीघा खेती से रकबा जून माह तक अब 853 बीघा रकबे में अब सुभाष पालेकर की प्राकृतिक खेती को किसान सफलतापूर्वक कर रहे हैं। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत के जीरो बजट प्राकृतिक खेती पर प्रभावी संदेश के बाद जिला के युवा किसानों ने इसे क्रांतिकारी तरीके से अपनाया है। अकेले पराड़ा के युवा किसान अर्जुन अत्री, पनार के हरिंद्र सिंह ने 15 बीघा से भी ऊपर के रकबे में प्राकृतिक खेती को अपनाया हुआ है। किसानों की 2022 तक आय को दोगुना करने के लक्ष्य में भी जीरो बजट खेती बेहद कारगर साबित होगी ऐसा कृषि विशेषज्ञों और कृषि अधिकारियों का मानना है। कृषि उपनिदेशक सिरमौर डा. राजेश कोशिक बताते हैं कि जीरो बजट खेती को जिला सिरमौर में अच्छा रिस्पांस मिला है। वहीं इस खेती के लिए गोमूत्र, गोबर से युक्त जीवामृत, धनजीवामृत का घोल मिट्टी की सेहत के लिए वरदान साबित हो रहा है, जिसका परिणाम भी अब सफलतापूर्वक आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में फसलों का विविधकरण और चयन सबसे महत्त्वपूर्ण है, ताकि मिट्टी से फसलों का भरपूर नाइट्रोजन और अन्य तत्त्व मिल सकें। शून्य लागत की खेती को अब सभी छह ब्लॉक में जिला सिरमौर में अपनाया जा रहा है, जिसका उत्पादन भी संतुष्टिदायक किसानों को मिल रहा है। कृषि उपनिदेशक सिरमौर डा. राजेश कौशिक ने बताया कि जिला सिरमौर मंे किसानों को खेतों से जोड़े रखने और उनके सम्मान के लिए वर्ष भर में केंद्र सरकार की योजना अनुसार छह हजार की राशि से सम्मानित करने के लिए भी कदम तेज कर दिए गए हैं। वहीं अब 25 बीघा से ऊपर कृषि रकबे वाले किसानों को भी किसान सम्मान निधि के लिए चयनित कर लिया गया है।


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