आर्ट्स में नहीं मिल रही च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की सुविधा

By: Jun 21st, 2019 12:02 am

चंडीगढ़ – पंजाब विश्वविद्यालय दो साल से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) कालेजों में लागू नहीं कर पाया है। आर्ट के हजारों विद्यार्थी इंतजार कर रहे हैं कि वह विज्ञान के सब्जेक्ट पढ़ें, लेकिन यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। बताया जाता है कि इसका प्रस्ताव पीयू प्रशासन ने तैयार कर लिया है, लेकिन अब तक लागू नहीं हो पाया। अड़चन क्या आ रही है, इसे भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। पीयू ने साइंस वर्ग में सबसे पहले सीबीसीएस लागू किया था। इसके लिए पूरा प्रस्ताव तैयार किया गया और वह पास हो गया। आज विज्ञान वर्ग के हजारों छात्र मनचाहे विषयों की पढ़ाई कर पा रहे हैं। आर्ट के विद्यार्थियों के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के बारे में चर्चा की गई और प्रस्ताव तैयार किया जाने लगा।

राज्य के 200 कालेजों में नहीं मिली सुविधा

पीयू में तो यह सिस्टम काम कर रहा है, लेकिन इससे संबद्ध 200 कालेजों में दो साल बीत जाने के बाद भी 1.20 लाख विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। सिंडिकेट व सीनेट की बैठकों में यह प्रस्ताव ले जाया गया था, लेकिन निर्णय क्या हुआ, यह पता नहीं चला। हालांकि, बताया जा रहा है कि नए शैक्षिक सत्र तक इसे लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को रूसा सिस्टम के साथ मिल कर लागू किया गया था।

कुछ महाविद्यालय कर रहे हैं विरोध

सीबीसीएस का कुछ महाविद्यालय विरोध कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस सिस्टम से छात्रों को रेगुलर पढ़ाई करनी होगी। हाजिरी भी पूरी होनी चाहिए। कुछ कालेजों में यह खेल चल रहा है कि वह केवल छात्रों के दाखिले करने में विश्वास करते हैं, फिर चाहे विद्यार्थी साल भर आए या नहीं। इससे उन्हें नुकसान होगा।

नौकरी पाने में आसानी

सीबीसीएस के जरिए यदि विद्यार्थी आर्ट के साथ-साथ साइंस की भी पढ़ाई करेंगे तो वह नौकरी के लिए साइंस वर्ग में भी अप्लाई कर सकेंगे। यानी कला व विज्ञान वर्ग के लिए निकलने वाली भर्तियों में आवेदन के हकदार होंगे। हजारों छात्रों के सामने रोजगार के रास्ते खुलेंगे। साइंस वर्ग के पासआउट विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। वह आर्ट विषयों की पढ़ाई करने के साथ सामाजिक क्षेत्र में हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने कुछ वर्षों पहले उत्तर भारत के कई विश्वविद्यालयों में इस सिस्टम को लागू करने के आदेश जारी किए थे।


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