ऐसे तो जल्द ही कंगाल हो जाएगी पांवटा नप

By: Jun 12th, 2019 12:03 am

नगर परिषद में पांच माह में इन्कम 95 लाख तो खर्चा हुआ करीब चार करोड़ रुपए, नहीं बढ़ पा रहे आय के साधन

पांवटा साहिब -अगर कुछ माह ओर यही हाल रहे तो वह दिन दूर नहीं जब करोड़ों के बजट वाली पांवटा नगर परिषद कंगाल हो जाएगी। पिछले कुछ माह से नगर परिषद की आमदनी प्रति माह जितनी हो रही है उससे कई गुना ज्यादा खर्चा हो रहा है। कहावत तो आदमनी अट्ठनी खर्चा रुपया वाली है लेकिन नगर परिषद पांवटा की आमदनी अट्ठनी है तो खर्चा रुपया हो रहा है। नगर परिषद की इस माह की मासिक बैठक मंे जब आय-व्यय का ब्योरा रखा गया तो सभी को हैरान करने वाला था। नगर परिषद की पिछले पांच महीने मंे आय जहां 9560349 रुपए है, वहीं खर्च 3,85,01,203 रुपए हैं। यह ब्यौरा जनवरी से मई माह तक का है। इसमे जनवरी माह मंे जहां इनकम 1499482 है वहीं खर्च तीन गुणा यानी 4217253 रुपए आया है। वहीं फरवरी माह में आय 666828 रुपए है तो व्यय करीब ग्यारह गुणा यानि 6694087 रुपए आया है। इसी प्रकार मार्च माह मंे इन्कम 5085126 रुपए है तो खर्च 9270432 रुपए है। मई माह में आय जहां 1720347 रुपए है,वहीं व्यय एक करोड़ पार कर गया। इस माह नगर परिषद ने 10071916 रुपए खर्च किए। मई माह की आय मात्र 588566 रुपए रही जबकि खर्च 8241515 रुपए रहा। इस प्रकार पिछले पांच माह मंे नगर परिषद की आमदनी जहां एक करोड़ भी नहीं छूं पाई वहीं खर्च करीब चार करोड़ के आसपास पहुंच गया।  जानकार बतातें हैं कि नगर परिषद का करोड़ों रुपए का गृह कर ही उनके घाटे को पूरा कर सकता है। लेकिन कई सालों से लंबित गृह कर पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नगर परिषद के बजट को बिगाड़ने में केंद्र की दो योजनाओं का भी बड़ा हाथ रहा है। इनमंे एलईडी लाइट्स और अंडरग्राउंड डस्टबिन योजना शामिल है। दोनों ही योजनाएं पांवटा साहिब में उतनी कामयाब नहीं हो रही है जितनी होनी चाहिए थी। अंडर ग्राउंड डस्टबिन योजना पर नगर परिषद के करीब साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं जिससे नगर मे 80 डस्टबिन लगने थे। अभी तक करीब 54 डस्टबिन लगे हैं लेकिन उनका भी इस्तेमाल नहीं हो रहा है। वहीं एलईडी लाइट्स योजना भी नगर को रास नहीं आई है। इस योजना का जिस कंपनी के साथ एमओयु साइन हुआ है उसे हर माह मेंटेनेंस के करीब तीन लाख रुपए देने पड़ते हैं। करीब इतना ही बिजली का बिल भी आ जाता है। जबकि इस योजना से पूर्व इस पर करीब साढ़े तीन से चार लाख का प्रतिमाह खर्चा आता था। इन योजनाओं की किश्तें चुकाते-चुकाते नगर परिषद का खजाना खाली हो रहा है। उधर, इस बारे नगर परिषद के ईओ एसएस नेगी, अध्यक्ष कृष्णा धीमान और नवीन शर्मा ने बताया कि कि प्रयास किया जा रहा है कि नगर परिषद की आमदनी को बढ़ाया जाएं। इसके लिए गृह कर आदि को एकत्रित करने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। इसके अलावा गत दिवस हुई बैठक में नई दुकानें बनाने पर भी चर्चा हुई। इन दुकानों के निर्माण के बाद नगर परिषद की आमदनी के साधनों मंे वृद्धि होगी। एमसी कांप्लेक्स की पार्किंग भी जल्द तैयार करवाई जा रही है जिसे ठेके पर दी जाएगी। उससे भी इनकम आएगी। इसके अतिरिक्त और भी आय बढ़ाने के साधन सृजित किए जा रहे हैं।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App