किन्नौर में 63 लाख का जख्म खाने से फिर बची सरकार

By: Jun 28th, 2019 12:02 am

कल्पा में पीडब्यूडी की बड़ी लापरवाही आई सामने,  एसडीओ और जेई ने 35 लाख के काम की बना दी 98 लाख की मेजरमेंट

रिकांगपिओ   —किन्नौर के पीडब्ल्यूडी डिवीजन कल्पा के  की ठंगी संपर्क सड़क कार्य के दौरान एसडीओ सहित जेई द्वारा 16 लाख रुपए के कार्य के एवज में 85 लाख  की मेजरमेंट दिखाए जाने के मामले पर से अभी और कई परते खुलने बाकी थी कि विभाग का एक और बड़ा कच्च्चा चिट्ठा सामने आ गया है।  ताजा घटनाक्रम में इसी डिवीजन के अधीन आने वाला रिब्बा पंचायत क्षेत्र में भी 11 किलोमीटर  सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क का अभी थोड़ा बहुत काम हुआ ही था कि विभागीय जेई  द्वारा  फार्मेशन कटिंग का मेजरमेंट कर करीब 98 लाख रुपए का बिल एसडीओ को थमा दिया।  एसडीओ ने भी बिना चेक किए ठेकेदार को पैसे की अदायगी के लिए एक्सईएन के पास एमबी भेज दी, जबकि एसडीओ का दायित्व बनता है कि जेई द्वारा किए गए मेजरमेंट पर 70 प्रतिशत तक टेस्ट चेक करे। जेई का मेजरमेंट गलत पाए जाने पर उसमें कटौती कर सकता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।  एसडीओ व जेई की मिलीभगत से ठेकेदार को फायदा पहुंचाए जाने की  गुप्त सूचना एक्सईएन  कार्यालय तक पहुंचते ही एक्सईएन  कल्पा ने नई एमबी जारी कर रिब्बा  सड़क की  नए सिरे से किसी अन्य एसडीओ से मेजरमेंट करवा दी। तब क्या था, जिस जेई व एसडीओ ने जिस काम का मेजरमेंट 98 लाख बनाया था , वही काम नए एसडीओ के मेजरमेंट के दौरान मात्र 35 लाख रुपए में सिमट गया। यदि इस मामले पर दिव्य हिमाचल की पैनी नजर नहीं रहती होती तो शायद यहां पर भी सरकारी खजाने को करीब 63 लाख रुपए का सीधा चूना लग जाता।

ऐसे हुआ गोलमाल का पर्दाफाश

कल्पा डिवीजन के तहत रिब्बा पंचायत में बन रही सड़क की मेजरमेंट विभागीय जेई ने 98 लाख की बना कर एसडीओ को भेज दी और एसडीओ ने बिल अदायगी के लिए भेज दिया। लेकिन इस संबंध में एक्सईएन को सूचना मिली थी कि जेई द्वारा गलत रिपोर्ट पेश की गई है। एक्सईएन ने शिकायत को गंभीरता से लिया और किसी दूसरे एसडीओ से दोबारा एमबी बनवाई तो यह महज 35 लाख तक ही सिमट गई। यानी प्रदेश सरकार एक फिर 63 लाख का जख्म खाने से बच गई।

पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली पर सवाल

किन्नौर में इस प्रकार की बड़ी घटनाओं के सामने आने से आम लोगों में पीडब्ल्यूडी  सहित ठेकेदारो के प्रति भारी रोष देखा जाने लगा है। लोगों की मांग है कि उक्त एसडीओ सहित जेई के अब तक के सभी कार्यों की जांच किए जाने के साथ किन्नौर में जितने भी इस तरह के मामले हैं, उन सभी की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए, ताकि वर्तमान व पूर्व में हुए सभी कार्यों की जांच हो, ताकि दोषी लोगों के प्रति सख्त कार्रवाई हो सके।


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