घर-कार लोन होगा सस्ता

By: Jun 7th, 2019 12:06 am

बाजार में पूंजी की तरलता बढ़ाने के लिए आरबीआई ने नीतिगत दरों में की 0.25 प्रतिशत की कटौती

मुंबई   – रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती के मद्देनजर तंत्र में तरलता बढ़ाने और पूंजी लागत में कमी लाने के उद्देश्य से नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती की है जिससे आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण सहित सभी प्रकार के ऋण सस्ते होने की उम्मीद है। समिति ने चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति पर तीन दिवसीय दूसरी द्विमासिक बैठक में गुरुवार को सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। इसके साथ ही समिति ने अपनी तटस्थता बनाए रखने की नीति में भी बदलाव करते हुए एकोमोडेटिव रुख अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे आवश्यकता होने पर नीतिगत दरों में और कमी किए जाने की संभावना बनी है। समिति ने लगातार तीसरी बैठक में नीतिगत दरों में कमी की है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल महीने में हुई बैठकों में भी नीतिगत दरों में एक-एक चौथाई फीसदी की कटौती की गई थी। अब तक तीन बार में कुल मिलाकर 0.75 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। गुरुवार की कटौती के बाद अब रेपो दर छह प्रतिशत से घटकर 5.75 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत से कम होकर 5.50 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 6.25 प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत तथा बैंक दर 6.25 प्रतिशत कम होकर छह प्रतिशत हो गई है। हालांकि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत पर और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) 19.25 प्रतिशत पर यथावत है। गौर हो कि रेपो रेट ब्याज की वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक बैकों को फंड मुहैया कराता है। रेट घटने से बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग प्राप्त हो सकेगी, इसलिए बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इससे नया लोन सस्ता होगा, जबकि लोन ले चुके लोगों को या तो ईएमआई में या रिपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिलेगा।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर अब नहीं लगेगा कोई शुल्क

मुंबई – आरबीआई ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए एनईएफटी और आरटीजीएस पर शुल्क पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है। आरबीआई ने कहा है कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। गौर हो कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए लेन-देन पर आरबीआई बैंकों से शुल्क लेता है।

एटीएम शुल्क की समीक्षा के लिए कमेटी गठित

आरबीआई ने कहा है कि एटीएम का इस्तेमाल बढ़ रहा है। एटीएम चार्जेज और फी में बदलाव की मांग लगातार की जा रही है। इसलिए एक समिति बनाने का फैसला लिया गया है, जो सभी हितधारकों से विचार-विमर्श करते हुए एटीएम शुल्क के हर पहलू पर विचार करेगी। यह समिति पहली बैठक के दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपेगी।


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