नकारात्मक भावनाएं

By: Jun 8th, 2019 12:05 am

श्रीश्री रवि शंकर

मन की हरेक लय के अनुसार एक विशेष सांस की लय जुड़ी है और सांस की हरेक लय के अनुसार एक विशेष भावना जुड़ी है। तो जब तुम प्रत्यक्ष रूप से अपना मन संभाल नहीं सकते, तब सांस के द्वारा मन को संभाल सकते हो। यह जीवन एक सुंदर रहस्य है और तुम धन्य हो…

अगर तुम्हें सिर्फ  सुखद घटनाएं ही मिलें तो तुम्हारा जीवन विरक्ति से गतिहीन हो जाएगा।  तुम पत्थर से बन जाओगे। इसलिए तुम्हें सचेतन रखने के लिए प्रकृति तुम्हें समय-समय पर छोटी सी चुभन देती रहती है। अकसर हम जीवन में दूसरों पर दोष लगाते हैं।  हमें जीवन में दुख किसी व्यक्ति या किसी चीज से नहीं मिलता। ये तुम्हारा अपना मन है जो तुम्हें दुखी करता है और तुम्हारा अपना मन है जो तुम्हें खुश और उत्साहित बनाता है। तुम्हारे पास जो भी है अगर तुम उससे पूरी तरह से संतुष्ट हो तो जीवन में कोई आकांक्षा नहीं रह जाती। आकांक्षा होना जरूरी है, लेकिन अगर तुम उसके लिए उत्तेजित रहोगे तो वही उत्तेजना बाधा बन जाएगी। अगर पूरे जोर से पानी निकलते हुए नल के नीचे तुम कप रखोगे तो वह कप पानी से कभी नहीं भर पाएगा। नल का पानी सही गति में रखो और कप पानी से भर जाएगा। जो लोग अति महत्त्वाकांक्षी और उत्तेजित होते हैं उनके साथ ऐसा ही होता है। केवल एक संकल्प रखो, ये है जो मुझे चाहिए और उसे छोड़ दो! हम अपनी नकारात्मक भावनाओं के जरिए वातावरण को सूक्ष्म रूप से प्रदूषित करते हैं। कभी-कभी तनाव और नकारात्मकता से हम नहीं बच पाते हैं। तुम कभी-कभी सब प्रकार की भावनाओं से गुजरते हो। कभी तुम निर्बल और दिशाहीन महसूस करते हो। ऐसा होना किसी को पसंद नहीं, लेकिन ऐसा होता है। तो ऐसी स्थिति को किस तरह संभालें। अन्य चीजों के बारे में हम बहुत सुनते हैं, लेकिन अपने आप को सुनने में हम बहुत कम समय बिताते हैं। यह सबसे ज्यादा दुर्भाग्य की बात है। हमारी सांस हमें एक बहुत महत्त्वपूर्ण सीख देती है, जो हम भूल गए हैं। मन की हरेक लय के अनुसार एक विशेष सांस की लय जुड़ी है और सांस की हरेक लय के अनुसार एक विशेष भावना जुड़ी है। तो जब तुम प्रत्यक्ष रूप से अपना मन संभाल नहीं सकते, तब सांस के द्वारा मन को संभाल सकते हो। यह जीवन एक सुंदर रहस्य है और तुम धन्य हो। जब तुम जीवन के रहस्य को जीने लगोगे तभी जीवन में आनंद प्रकट होगा। यदि किसी मनुष्य में अहंकार है तो उसके जीवन में आनंद नहीं आ सकता, यदि संकीर्णता है तो भी आनंद नहीं हो सकता।  जीवन के हरेक पल का महत्त्व समझकर अपने कार्य को सफल बनाने के लिए प्रयत्न करने वाले सही मायनों में आनंद को पा सकते हैं। अपने मन में कभी भी निराशा को हावी न होने दो, तब ही जीवन में  सफलता मिलती है।


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