पंचायतें तलाशेंगी जल के स्रोत

By: Jun 28th, 2019 12:02 am

प्रदेश में पहली जुलाई से 30 सितंबर तक चलेगा जल शक्ति अभियान

शिमला —प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश की 3226 पंचायतें अपने-अपने क्षेत्रों में जल स्रोत तलाशेंगी। गत 22 जून को प्रदेश की पंचायतों में हुई विशेष ग्राम सभाओं के दौरान प्रस्ताव पारित किया गया कि अपने-अपने क्षेत्रों में सूख रहे जल स्रोतों को रिचार्ज करने, नए स्रोत तलाशने सहित तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए तीन महीने तक अभियान चलेगा। विशेष ग्रामसभा के बाद प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि पहली जुलाई से आगामी तीन महीने यानी 30 सितंबर तक प्रदेश में जल शक्ति अभियान चलेगा। इस दौरान पंचायतीराज संस्थाओं के साथ-साथ सरकार के अन्य सभी विभाग, एनजीओ और स्थानीय महिला मंडल विशेष रूप से भाग लेंगे। इस अभियान के लिए पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने गाइड लाइन भी तैयार कर दी है। जानकारी के मुताबिक जल शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चैकडैम निर्माण के साथ-साथ वर्षा के पानी का संरक्षण करने के लिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। इस अभियान के दौरान मनरेगा  और वाटरशैड के कर्मचारी भी भाग लेंगे। मानसून सीजन के दौरान यह पता चलेगा कि प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में जल संरक्षण कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नवनिर्मित मकानों की छतों से वहने वाले बारिश के पानी का संरक्षण करना होगा। पंचायतीराज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जल संरक्षण के लिए 14वां वित्तायोग के पैसे भी खर्च किए जाएंगे।

 

 


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