पिपलू मेला… पहली बार सजेगी गो मंडी
कुटलैहड़ में मेले का आज होगा आगाज, पशुपालकों को मिलेगी 25 हजार की सबसिडी
बंगाणा -ऊना जिला के अंतर्गत कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत पिपलू मेला आज इतिहास की नई ईबारत लिखेगा। 12 जून को जिला स्तरीय इस मेला का शुभारंभ होगा। जोकि 14 जून तक चलेगा। इस मेला में इस बार अहम बात यह होगी इस मेला में राज्य भर के पशु पालक जुटेंगे। यहां पर लगने वाली देशी गउओं की मंडी को लेकर पशुपालकों में खासा क्रेज है। प्रदेश भर में आयोजित होने वाले मेलांे में पहली बार गो मंडी लगेगी। इसमें भारतीय मूल साहीवाल नस्ल की 65 गो पशुपालकों ने मांग की है। उक्त गउओं पर पशुपालकों को 25 हजार रुपए की सबसिडी प्रदान की जाएंगी। इसके लिए पशुपालन विभाग ने कुछ किसानों को चयनित भी कर लिया है। एक तरह से देशी गउओं के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ने लगा है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर की ओर से पीपलू मेला को लेकर बेहतर कदम उठाए गए हैं। इसके चलते मेला में राज्य भर के पशुपालक एक साथ जुटेंगे। वहीं, प्रदेश सरकार की प्राथमिकता पर जीरो बजट खेती की तर्ज पर देश गोवंश को भी जोड़ा गया है। इससे आर्गेनिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा पशुपालकों की आर्थिक सुदृढ़ करने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। देशी गोवंश का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक माना जाता है। वहीं, गोवंश के संरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा भी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पिपलू मेला में पशु मंडी लगाने का उद्देश्य हर घर तक देशी गाय पहंुचाना है। वहीं, किसानों की आर्थिकी को सुदृढ करना व आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना है। पिपलू मेला तीन दिवसीय होगा। मेले के पहले दिन 12 जून को गो मंडी लगाई जाएगी। वहीं, 13 जून को अन्य पशुओं की मंडी लगेगी। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को ला सकता है। इस दौरान पशुओं की खरीद व फरोख्त की जाएगी। इसमें मुर्रा किस्म की भैंसें, मुर्गे, बकरी, भेड़ व अन्य पशुओं की मंडी लगाई जाएगी। बताते दें कि साहीवाल गाय भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गाय मानी जाती है। इसका धार्मिंक ग्रंथों में भी विशेष महत्त्व है। गाय के दूध की पोष्टिकता भी अधिक है। इसमें सभी पोष्टिक तत्त्व समाहित है। ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार की उक्त सराहनीय पहल है। इसे जीरो बजट खेती के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि देशी गाय के गोवर के साथ आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश सरकार की योजना है कि हर घर तक देशी गो पहंुचे। इससे लोग गो माता की आस्था से भी जुडे़ और लोगों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में देशी गो के गोमूत्र, गो-गोबर से कई दैनिक प्रयोग में लाए जाने वाले उत्पादों के प्रोजेक्ट बनाए जाने की भी योजना है। प्रदेश में अन्य स्थानों पर इसी तर्ज पर गो मंडिया
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