प्राकृतिक खेती को जनांदोलन बना रहा परिवार

By: Jun 6th, 2019 12:01 am

पद्मश्री सुभाष पालेकर के दोनों बेटों ने खेती के लिए छोड़ी बढि़या नौकरी, अब 25 दिन के लिए किसानों को जागरूक करने निकले

पालमपुर – पद्मश्री से सम्मानित प्राकृतिक खेती के जनक माने जाने वाले सुभाष पालेकर देवभूमि में अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना चाहते हैं, ताकि एक तो किसानों की आय बढ़ सके और दूसरी तरफ रसायनमुक्त पैदावार लोगों को मिले। उनका मानना है कि रसायनिक व जैविक खेती की पैदावार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके विकल्प के तौर पर वह जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। बदलाव इतना जल्दी नहीं होगा, इसके लिए प्राकृतिक खेती के जनांदोलन का रूप देने का प्रयास कर रहे हैं और इसमें उनका पूरा परिवार भी उनका साथ दे रहा है। सुभाष पालेकर के दोनों पुत्र अच्छी नौकरी छोड़ अपने पिता की मुहिम में साथ दे रहे हैं। सुभाष पालेकर हर महीने 25 दिन अलग-अलग स्थानों पर जाकर किसानों को जीरो बजट प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके लिए सुभाष पालेकर किसी किस्म का कोई भी मानदेय नहीं लेते। उनके दोनों पुत्र और उनकी टीम के करीब दस हजार सदस्य भी इसी तर्ज पर काम कर रहे हैं। हर साल हजारों किसान उनसे प्रशिक्षण लेते हैं। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले के मूलरूप से रहने वाले सुभाष पालेकर को देश में जीरो लागत यानी शून्य लागत कृषि का जन्मदाता कहा जाता है। प्रदेश कृषि विवि में प्राकृतिक खेती पर आयोजित किए जा रहे छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे सुभाष पालेकर ने 15 वर्षों के गहन अनुसंधान के बाद उन्होंने एक पद्धति विकसित की, जिसको शून्य लागत प्राकृतिक कृषि का नाम दिया। यह पद्धति अपनाकर लाखों को बिना लागत के खेती से अपनी आय बढ़ाते हुए मुनाफा कमा रहे हैं। बहरहाल, पूरा परिवार प्राकृतिक खेती को जनांदोलन बनाने में जुटा हुआ है।

कई भाषाओं में लिख चुके हैं पुस्तकें

आंध्रप्रदेश सरकार ने उन्हें अपने राज्य का कृषि सलाहकार बनाया, साथ ही एक शून्य लागत प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय बनाने की भी घोषणा की है। सुभाष पालेकर एक कृषि वैज्ञानिक के साथ ही संपादक भी हैं, वह 1996 से लेकर 1998 तक कृषि पत्रिका का संपादन भी कर चुके हैं। साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, मराठी सहित कई भाषाओं में 15 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। सुभाष पालेकर की तरफ से विकसित भू-पोषक द्रव्य ’जीवामृत’ पर आईआईटी दिल्ली के छात्र शोध कर रहे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App