बजट की डिमांड की, तो होगी कार्रवाई

By: Jun 15th, 2019 12:02 am

अखंड शिक्षा ज्योति के तहत स्कूलों से निकले पूर्व छात्रों को लैटर भेजने पर सरकार सख्त

शिमला -हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ‘अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती’ के तहत एल्युमनाई से बजट नहीं लिया जाएगा। स्कूल प्रबंधन व शिक्षा अधिकारियों ने अगर किसी से पैसों की डिमांड की तो सरकार सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी। इस बारे में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित शिक्षा प्रधान सचिव ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा है कि जिला उपनिदेशक और प्रधानाचार्य अगर स्कूलों से निकले एल्युमनाई से सम्मानित करने के नाम पर बजट की बात करते हैं, तो ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दरअसल सरकार को शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि कई जिलों में स्कूलों से निकले मोतियों को सम्मानित करने से पहले बजट डिमांड की बात कही जा रही है। सरकार भी हैरान है कि स्कूलों से इस तरह के लैटर क्यों जारी किए जा रहे हैं, जबकि सरकार की तरफ ऐसे कोई निर्देश नहीं है कि सम्मानित करने से पहले पुराने छात्र को स्कूल की सहायता के लिए पांच हजार रुपए की राशि देनी है। सरकार ने दो टूक कहा है कि स्कूलों से निकले मोतियों का नाम स्कूल बोर्ड पर चढ़ाने के लिए उनके सामने पांच हजार की शर्त न लगाई जाए। ऐसा करने पर नियमों की अवहेलना करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पांच हजार की शर्त की वजह से सरकारी स्कूलों से निकले ओल्ड छात्र स्कूलों में ही नहीं आना चाहते हैं। यही वजह है कि सरकार ने अब अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती योजना के लिए बजट का बोझ न डालने का निर्णय लिया है। गौर हो कि पहले अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती योजना को शुरू करने के बाद सरकार व शिक्षा विभाग तय किया था, स्कूलों के पुराने छात्रों को सम्मानित किया जाएगा व स्कूल की आर्थिक सहायता के लिए वे पांच हजार की राशि देंगे। वहीं कुछ समय बाद सरकार ने पांच हजार की राशि देने की इस शर्त को खत्म कर दिया था।


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