राजभाषा से राष्ट्रभाषा की राह

By: Jun 15th, 2019 12:03 am

 राजेश कुमार चौहान

हिंदी की अनिवार्यता पर कुछ राज्यों ने जब विरोध किया, तब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस पर जो यह कहा था कि किसी प्रदेश पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी, यह उचित नहीं है, क्योंकि हिंदी कोई भाषा नहीं, बल्कि हमारे देश की राजभाषा और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों में से एक है। मोदी सरकार ने फिर सत्ता में आते ही नई शिक्षा नीति में हिंदी की अनिवार्यता समाप्त करके अपनी राजभाषा हिंदी के प्रति बेरुखी पेश कर दी थी, मोदी सरकार से यह उम्मीद नहीं थी कि यह भी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की राह में बाधा उत्पन्न करेगी। आज भारत की राजभाषा हिंदी, राष्ट्रभाषा नहीं बन पा रही, जबकि देश की जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग हिंदी पढ़- लिख और समझ सकता है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App