वन निगम के ठेकेदारों के ठेके रद्द

By: Jun 22nd, 2019 12:15 am

समय पर काम शुरू न करने पर सुस्त कांटैक्टर्ज पर वन विकास निगम की कार्रवाई

शिमला —प्रदेश सरकार ने वन विकास निगम के सुस्त ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको अलॉट किए गए सभी कार्य रद्द करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को वन विकास निगम की बीओडी की बैठक में यह फैसला किया। ये ऐसे ठेकेदार हैं, जो अलॉट किए कार्य को समय पर शुरू करने में नाकाम रहे और अब उनके रिस्क एंड कॉस्ट पर फिर से ठेके आबंटित किए जाएंगे। वन मंत्री गेविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बीओडी मीटिंग में कई अहम निर्णय भी लिए गए। इसमें मुख्य रूप से वन विकास निगम में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को पहली जुलाई, 2018 से प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की भांति चार प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया है। इसके साथ-साथ वन विकास निगम में अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की भांति 25 प्रतिशत ग्रेड-पे बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया है। बीओडी की बैठक को संबोधित करते हुए वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि वन विकास निगम की आमदनी  में कैसे वृद्धि हो सकती है, इसके लिए मंथन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अब तक जो अच्छे कार्य निगम द्वारा किए गए हैं, उन्हें आगे चालू रखा जाएगा। जहां पर निगम को घाटा हो रहा होगा, वहां ऐसे प्रोजेक्ट्स को बंद करने पर भी विचार किया जाएगा। बैठक में वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह, प्रबंध निदेशक बीडी सुयाल सहित निदेशक मंडल के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

वन निगम में गार्ड के 50 पद भरने को मिली मंजूरी

वन विकास निगम में 50 अतिरिक्त वन रक्षकों की नियुक्ति के लिए बीओडी की बैठक में मंजूरी मिल गई है। हालांकि पिछले बार 50 पदों को भने की स्वीकृति दे दी थी। ऐसे में अब 100 पद हो जाएंगे। इन पदों के लिए सीधी भर्ती होगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश वन विभाग में 123 फोरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया जारी है। ऐसे में वन विकास निगम में भी 100 पद गार्ड के भरे जाएंगे।


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