विजिलेंस ने खोले 181 कर्मियों के केस
जांच के लिए विभागों से मांगी अनुमति, भाजपा चार्जशीट में लगे आरोप भी शामिल
शिमला – स्टेट विजिलेंस ने 181 कर्मचारी एवं अफसरों पर लगे आरोपों के केस खोल दिए हैं। इसके लिए विजिलेंस ने संबंधित विभाग, बोर्ड और निगमों से जांच की अनुमति मांगी है। हालांकि इससे पहले किसी अधिकारी या कर्मचारी पर लगे आरोपों की जांच के लिए सरकार से ही अनुमति ली जाती थी, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश स्टेट एंटी क्रप्शन एक्ट में संशोधन होने के बाद अब संबंधित विभागों से अनुमति अनिवार्य हुई है। इसके मद्देनजर स्टेट विजिलेंस ने 181 ऐसे कर्मचारी एवं अफसरों के खिलाफ पूर्व में चल रहे केस की जांच की अनुमति मांगी है। विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक भाजपा चार्जशीट में लगे कुछ आरोप भी इसमें शामिल हैं। पूर्व के कांग्रेस कार्यकाल के दौरान चल रही जांच के दायरे में कई कर्मचारी और अफसर भी शामिल हैं। ऐसे में विभागीय अनुमति मिलने के बाद ही विजिलेंस जांच आगे बढ़ाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में विपक्ष में रहकर बीजेपी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार के मंत्री, सीपीएस, बोर्ड निगमों के नुमाइंदों के खिलाफ चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी थी। उसके बाद दिसंबर, 2017 में सत्ता में आते ही जयराम सरकार ने चार्जशीट में लगे आरोपों की जांच विजिलेंस को सौंपी थी। हालांकि स्टेट विजिलेंस ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक, हिमाचल प्रदेश बेवरेजिज कारपोरेशन सहित कुछ विभागों में हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई।
डेढ़ साल में एक भी एफआईआर नहीं
जयराम सरकार को सत्ता में आए एक साल छह महीने का कार्यकाल हो चुका है, लेकिन विजिलेंस ने किसी भी आरोप में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की। हालांकि स्टेट विजिलेंस की नई टीम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को काफी उम्मीदें थी कि बीजेपी चार्जशीट में लगे आरोपों का पर्दाफाश करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी तक सहकारी बैंकों में हुई अनियमितताओं की जांच चली है, इसमें भी किसी के खिलाफ एफआईआर नहीं हुई।
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