हिमाचल को आईटी हब बनाने की चाह 

By: Jun 25th, 2019 12:15 am

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में ही 500 करोड़ के निवेश की योजना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विदेशी कंपनियों से भी की बातचीत

शिमला —सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े निवेश को लेकर काम चल रहा है। सूत्रों की मानें तो आईटी पॉलिसी में बड़े निवेश के लिए कई रियायतें हैं और विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। सरकार यहां आईटी हब बनाने की सोच रखती है। हालांकि यह पुराना सपना है, जो पूरा नहीं हो पा रहा है, लेकिन जिस तरह खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विदेश तक में पहुंचकर हिमाचल में निवेश के लिए प्रयास कर रहे हैं, उससे लगता है कि यहां जल्दी ही आईटी हब बनाया जा सकेगा। आईटी के क्षेत्र में सरकार 500 करोड़ के निवेश की योजना रखती है, जिसे लेकर कई कंपनियों से बातचीत भी हुई है। पिछले दिनों कुछ एमओयू भी हुए हैं, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में नहीं हुए, लेकिन आने वाले समय में जो इन्वेस्टर मीट होनी है, उसमें कोई बड़ी कंपनी यहां निवेश करेगी, इसकी उम्मीद है। वाकनाघाट में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के पास 343 बीघा जमीन है। यह जमीन विभाग के नाम पर हो चुकी है, वहीं गगल व ऊना में भी आईटी विभाग के पास जमीन है, जहां ऐसे उद्योगों को विकसित करने की सोची गई है। आईटी पार्क किसी एक कंपनी को दिया जाएगा, जो आगे दूसरी कंपनियों का उसमें समावेश करेगी। इस तरह की दूसरी योजना यहां प्राइवेट इंडस्ट्रीयल पार्क स्थापित करने की भी है, जिसके लिए कांगड़ा जिला में दो जगह जमीन चिन्हित कर उन्हें अधिसूचित भी कर दिया गया है। एक तरफ उद्योग विभाग इन इंडस्ट्रीयल पार्कों के लिए निवेशकों की तलाश कर रहा है, तो दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अपने आईटी पार्क स्थापित करने के लिए निवेशकों की तलाश में है। बहरहाल आईटी के क्षेत्र में कंपनियां काफी काम कर रही हैं और इसमें विदेशी निवेश हिमाचल को मिले, तो बड़ी बात होगी। जर्मनी और नीदरलैंड्स के बाद अब दुबई में भी दूसरे क्षेत्रों के साथ आईटी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार प्रयास कर रही है। देखना होगा कि इसके नतीजे क्या निकलेंगे। आईटी क्षेत्र के लिए बेहतरीन माहौल मौजूद है और यहां बिजली भी दूसरे राज्यों से सस्ती दरों पर उपलब्ध है।

 


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