सुखना सेंक्चुरी एरिया में प्रतिबंध

By: Jun 18th, 2019 12:01 am

पंचकूला -सुखना के सेंक्चुरी एरिया की सुंदरता बरकरार रखने व जीवों को प्राकृतिक माहौल देने के लिए प्रशासन ने सुखना वाइल्ड लाइफ  सेंक्चुरी में लोगों के प्रवेश पर पहली अक्टूबर तक रोक लगा दी है। यूटी फोरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ  डिपार्टमेंट ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। यह फैसला गर्मी से आग की संभावनाओं को देखते हुए और आगामी मानसून की वजह से लिया गया है। इन दिनों अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। गर्मी अपने चरम पर है, जिससे जंगल में सूखे पत्तों और लकडि़यों की वजह से आग की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी स्थिति में यहां से लोगों को बाहर निकालना बड़ी मुश्किल हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डिपार्टमेंट ने यह फैसला लिया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी से जमीन के अंदर भी तपिश हो हो जाती है। इस वजह से पाइथन और दूसरे सांप रास्तों पर निकल आते हैं। इन दिनों शाम के समय आए दिन सुखना कैचमेंट एरिया में सांप देखे जा सकते हैं। वहीं बरसात के दिनों में भी जंगली जानवर निकल आते हैं। यहां लोगों के प्रवेश से वाइल्ड लाइफ डिस्टर्ब होती है। पेड़-पौधे और अन्य वनस्पतियां भी बरसाती दिनों में फलती फूलती हैं। अक्टूबर तक बरसात का दौर जारी रहता है। इसी वजह से एक अक्टूबर तक सेंक्चुरी में रोक लगाई गई है। ध्यान रहे कि शहर में दो सेंक्चुरी हैं। एक सुखना वाइल्ड लाइफ  सेंक्चुरी और दूसरी सेक्टर-21 में बर्ड सेंक्चुरी। सुखना वाइल्ड लाइफ  सेंक्चुरी शहर की सबसे बड़ी सेंक्चुरी है। यह सुखना लेक के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में एक किलोमीटर तक 2600 हेक्टेयर में फैली है। मार्च 1998 में सुखना वाइल्ड लाइफ  सेंक्चुरी नोटिफाई हुई थी। तभी से यहां एंट्री के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से परमिट लेना पड़ता है। शिवालिक की पहाडि़यों में पंचकूला से सटे सुखना कैचमेंट एरिया भी इसी दायरे में आता है। जिसमें 150 से अधिक डैम भी बने हैं। इस सेंक्चुरी में दिसंबर से फरवरी के बीच आने वाले प्रवासी पक्षियों के अलावा 150 किस्म की पक्षियां भी पाई जाती है। सेंक्चुरी के खूबसूरत वनस्पतियों में झाडि़यां, हर्ब, घास, लताएं और सदाबहार वृक्ष शामिल हैं, जो इसे वन्य जीवों के रहने की एक आदर्श जगह बना देता है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App